प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी शनिवार को मध्य प्रदेश के 15 लाख 63 हजार से अधिक हितग्राहियों को स्वामित्व योजना के तहत संपत्ति कार्ड वितरित करेंगे। यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित राज्य के प्रमुख नेता भी शामिल होंगे, और विभिन्न जिलों में आयोजित कार्यक्रमों में केन्द्रीय मंत्री, प्रदेश के मंत्री, सांसद और विधायक भी सहभागिता करेंगे।
पीएम मोदी आज वितरित करेंगे संपत्ति कार्ड
इस कार्यक्रम के तहत 15 लाख 63 हजार से अधिक हितग्राहियों को संपत्ति कार्ड वितरित किए जाएंगे। इन कार्डों के मिलने से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को अपनी संपत्ति का प्रमाण मिलेगा, जिससे वे न केवल कानूनी रूप से अपनी जमीन के मालिक हो सकेंगे, बल्कि उनके पास सरकारी योजनाओं का लाभ लेने का भी आधार होगा। इसके अतिरिक्त, इस योजना के तहत प्राप्त संपत्ति कार्ड लोगों को कर्ज लेने में भी मदद करेंगे, क्योंकि वे अब अपनी संपत्ति को संपार्श्विक के रूप में उपयोग कर सकेंगे।
इस कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के कई मंत्री, सांसद और विधायक भी उपस्थित होंगे, जो इस योजना की सफलता पर चर्चा करेंगे और इसके लाभ के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। इसके अलावा, प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर भी इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जहां केंद्रीय और राज्य सरकार के प्रतिनिधि मौजूद होंगे।
स्वामित्व योजना का लाभ किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को मिलेगा
बता दें कि स्वामित्व योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को उनके भूमि और संपत्ति का अधिकार देना है, जिससे उन्हें कानूनी सुरक्षा मिल सके और वे बैंक से आसानी से कर्ज ले सकें। प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना की शुरुआत 2020 में की थी, और अब मध्य प्रदेश में इसके माध्यम से लाखों लोग लाभान्वित होंगे।
स्वामित्व योजना का लाभ सीधे तौर पर गरीब और मझोले किसानों, परिवारों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना को एक बड़ी पहल बताते हुए कहा कि इससे ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी। योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में संपत्ति की स्थिति को सुदृढ़ करना और विकास की गति को तेज करना है।
इस कार्यक्रम से न केवल ग्रामीणों को कानूनी अधिकार मिलेगा, बल्कि इससे मध्य प्रदेश की समग्र आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा, क्योंकि अब ग्रामीण इलाकों में लोग अपनी संपत्ति को लेकर अधिक आत्मनिर्भर और सशक्त हो सकेंगे।