भारतीय सेना के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आज यानी सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, उनका मुख्य उद्देश्य भारतीय सेना को आत्मनिर्भर और भविष्य के लिए तैयार एक सशक्त बल के रूप में तैयार करना है। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अपनी योजनाओं पर प्रकाश डाला।
उत्तरी सीमा पर स्थिति स्थिर
सेना प्रमुख ने उत्तरी सीमा के हालात पर चर्चा करते हुए कहा, "पूर्वी लद्दाख के डेपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में स्थितियां अब सामान्य हो चुकी हैं। हालांकि, यह क्षेत्र संवेदनशील बना हुआ है, लेकिन हम वहां के हालात पर कड़ी निगरानी रखे हुए हैं। कमांडर्स को इन परिस्थितियों से निपटने के लिए पूरी स्वतंत्रता दी गई है।"
मणिपुर में स्थिति में सुधार
उपेंद्र द्विवेदी ने मणिपुर में बढ़ती सुरक्षा स्थिति के बारे में कहा कि वहां पर स्थिति लगातार सुधर रही है। उन्होंने बताया, "सुरक्षा बलों की सक्रियता और सरकारी प्रयासों के चलते मणिपुर में शांति स्थापित की जा रही है। हालांकि, कुछ स्थानों पर हिंसा की घटनाएं जारी हैं, लेकिन हम इसे नियंत्रित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि म्यांमार सीमा पर निगरानी को बढ़ा दिया गया है और बॉर्डर फेंसिंग का कार्य भी जारी है।
कश्मीर की स्थिति पर अपडेट
सेना प्रमुख ने जम्मू-कश्मीर के हालात पर भी अपनी टिप्पणी दी। उन्होंने कहा कि "कश्मीर में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है, और फरवरी 2021 से सीजफायर लागू है। हालांकि, पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की कोशिशें लगातार जारी हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि पिछले साल मारे गए आतंकियों में से 60 फीसदी पाकिस्तान के थे। कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि के बावजूद, अमरनाथ यात्रा में 5 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, जो पर्यटन और आतंकवाद के बीच के संघर्ष को दर्शाता है।
भारत-म्यांमार सीमा पर बढ़ी निगरानी
सेना प्रमुख ने भारत-म्यांमार सीमा पर बढ़ती सुरक्षा को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि सीमा पर निगरानी बढ़ा दी गई है, ताकि म्यांमार की अशांति से भारत की सुरक्षा को कोई खतरा न हो।