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Lohri 2025: आज मनाया जा रहा खुशियों का त्योहार लोहड़ी... उत्तर भारत में कृषि और समृद्धि की शुरुआत का प्रतीक

Happy Lohri: पारंपरिक त्योहार के सांस्कृतिक और कृषि महत्व का उत्सव, जानिए लोहड़ी पर्व का महत्व।

Ravi Rohan
  • Jan 13 2025 10:26AM

आज 13 जनवरी को लोहड़ी का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। यह त्यौहार खासकर उत्तर भारत के राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में धूमधाम से मनाया जाता है। लोहड़ी का सांस्कृतिक महत्व बहुत गहरा है क्योंकि यह लोगों को एकजुट करने का काम करता है।

यह त्योहार सर्दियों के अंत और वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक माना जाता है। किसानों के लिए यह समय समृद्धि की ओर एक कदम बढ़ने का होता है, क्योंकि यह रबी फसलों की कटाई का आरंभ है। विशेषकर गन्ना, गेहूँ और सरसों की फसल के लिए यह दिन बेहद खास होता है।

लोहड़ी का ऐतिहासिक संदर्भ

लोहड़ी का इतिहास कई लोककथाओं और परंपराओं से जुड़ा हुआ है। यह हमेशा से ही कृषि प्रधान परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण त्यौहार रहा है, जिसमें आभार व्यक्त करने और फसल के अच्छे उत्पादन के लिए धन्यवाद दिया जाता है। इस दिन की अग्नि पूजा को भी खास महत्व दिया जाता है, क्योंकि आग समृद्धि और गर्मी का प्रतीक मानी जाती है। लोहड़ी के साथ ही सर्दियों का अंत होता है और नए मौसम की शुरुआत होती है, जो खुशियाँ और ताजगी लेकर आता है।

किसानों के लिए लोहड़ी का महत्व

कृषि समुदाय के लिए लोहड़ी का त्यौहार बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह फसलों की कटाई का समय होता है। गेहूँ, गन्ना और सरसों की फसलें तैयार होती हैं, और यह नए कृषि चक्र की शुरुआत को दर्शाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे से मिलकर शुभकामनाएं साझा करते हैं और समृद्धि की कामना करते हैं। यह त्योहार न केवल कृषि समुदाय के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए आभार व्यक्त करने और एकजुट होने का मौका होता है।

आधुनिक समय में लोहड़ी का उत्सव

हालाँकि, लोहड़ी की परंपराएं समय के साथ बदल चुकी हैं, लेकिन इसका उल्लास आज भी वही है। शाम को लोग खुले में अलाव जलाते हैं, पारंपरिक लोक गीत गाते हैं, और भांगड़ा, गिद्दा जैसे नृत्य करते हैं। इस दौरान तिल, गुड़, पॉपकॉर्न और मूंगफली को अग्नि में अर्पित किया जाता है। इसके साथ ही मक्की की रोटी, सरसों का साग, तिल के लड्डू और रेवड़ी जैसी पारंपरिक मिठाइयाँ तैयार की जाती हैं। विशेष रूप से नवविवाहित जोड़ों और नवजात शिशुओं के लिए लोहड़ी के मौके पर विशेष अनुष्ठान और आशीर्वाद दिए जाते हैं।

लोहड़ी: एकता और उत्साह का पर्व

आज के तेज़-तर्रार जीवन में लोहड़ी हमें अपने परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों से जुड़ने का अवसर देती है। यह त्यौहार पुराने समय की परंपराओं को जीवित रखने और जीवन में खुशी और सकारात्मकता लाने का समय है। चाहे आप अलाव के पास बैठकर पारंपरिक गीत गा रहे हों, या किसी को लड्डू और रेवड़ी दे रहे हों, लोहड़ी हमें एकजुटता, उत्सव और नई शुरुआत का अहसास कराती है।

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