इनपुट-अंशुमान दुबे, लखनऊ
आवासीय भूखंडों पर व्यवसायिक निर्माण करवाने वाले भूमाफियाओं और दबंग बिल्डरों के संरक्षक भरत पाण्डेय को उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने प्रवर्तन विभाग से निकाल दिया है । सूत्र बताते हैं कि मंडलायुक्त रोशन जैकब ने भी एक जांच में भरत पाण्डेय को भ्रष्टाचार में लिप्त पाया है और उन पर निलबंन की भी तलवार लटक रही है ।
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार अवैध निर्माणों पर कार्यवाही को लेकर उतना खरे उतरते नहीं दिख रहे तो उसका सबसे बड़ा कारण है उनके मातहत कर्मचारियों का राजनीतिक रसूख और शासन में ऊंची पहुंच जिसके कारण अनेक दागदार और भ्रष्टाचार में बदनाम होने के बाद भी लखनऊ विकास प्राधिकरण में विभिन्न मलाईदार समझे जाने वाली जगहों पर रहे ।
फिलहाल लगातार लखनऊ विकास प्राधिकरण की बदनामी का कारण बनने वाले ऐसे ही एक अवर अभियंता भरत पाण्डेय को उनके भ्रष्टाचार और अवैध निर्माणों को लेकर भूमाफियाओं और दबंग बिल्डरों को संरक्षण के बाद हटा दिया गया है लेकिन अब भी प्रवर्तन में हुए तबादले में ऐसे नाम है जिन पर भ्रष्टाचार के बड़े आरोप लगते रहे हैं लेकिन बावजूद इसके उनको प्रवर्तन विभाग की जिम्मेदारी से मुक्त नहीं किया जा रहा है अलबत्ता शिकायतों के बाद उनके जोन को बदल दिया गया है । अब देखना ये है कि जो नए अभियंता इन जोन में अभी तैनात हुए हैं वो अवैध निर्माणों पर कार्यवाही करेंगे जिनकी शिकायत एक लंबे अरसे से चलती आ रही है या फिर चेहरा बदलेगा और खेल वही पुराना चलेगा । सुदर्शन न्यूज़ ने लगातार अवैध निर्माणों को लेकर अपनी खबरों में राजधानी को अवैध निर्माणों का जंगल बना रहे ऐसे ही मुद्दों को हमेशा उठाया है और शासन प्रशासन को इससे अवगत कराते हुए आम जनता की भावनाओं से उनको अवगत कराया है ।
एक बार फिर उन अवैध निर्माणों का जिक्र सुदर्शन वेब न्यूज़ अपनी खबरों के माध्यम से कर रहा है जिनकी शिकायत और खबर एक अरसे से होने के बाद भी कार्यवाही नहीं हुई और प्रवर्तन विभाग के अधिकारियों और विहित प्राधिकारी कोर्ट के भ्रष्टाचार के चलते आज वो अवैध निर्माण अपने व्यवसायिक विकास को आगे बढ़ा चुके है या बढ़ाने की कगार पर हैं ।
ताज़ा मामला एक बार पुनः जोन दो के आवासीय भूखंडों से जुड़ा हुआ है जहां भूमाफिया दबंग बिल्डरों ने स्थानीय अभियंताओं की मदद से ही बड़े बड़े विशाल व्यवसायिक प्रतिष्ठान बना लिए और अब उनका व्यवसायिक उपयोग शुरू कर दिया है । ऐसा ही एक अवैध निर्माण एल्डिको उदयन एक के आवासीय भूखंड 735 पर निर्मित हो गया है त्यागी विहार कॉलोनी के गेट के सामने और एक और अवैध निर्माण शारदा नगर रुचि खंड के आवासीय भूखंड के 1/2 पर भी कर लिया गया है । इन दोनों ही अवैध निर्माणों में एक खास बात ये रही है कि इन दोनों ही अवैध निर्माणों को पहले सील किया गया था लेकिन न जाने कौन सी सील में डील हुई कि इन दोनों ही अवैध निर्माणों को पूरा करने में लखनऊ विकास प्राधिकरण के भ्रष्ट अधिकारियों ने अपना पूरा सहयोग दिया है ।
इसी तरह सेक्टर के आशियाना में इंडियन ओवरसीज बैंक के बगल में आवासीय भूखंड पर एक बड़े मोबाइल व्यवसाई ने गहरा बेसमेंट खोदकर वहां पर अवैध व्यवसायिक निर्माण कर लिया है इसी तरह ही राज एंड राज रेस्टोरेंट से चंद कदम की दूरी पर आवासीय मकान 167 के बगल में भी एक विशाल निर्माण मानक नियम नक्शे के विपरीत बड़ी तेजी से कर लिया गया ।
इसी तरह जोन छः में भी बड़े दबंग व्यवसायियों द्वारा बासमंडी चौराहे के निकट अशोक नगर में भी एक विशाल व्यवसायिक अपार्टमेंट विजय गुप्ता और सहयोगियों ने आसानी से लखनऊ विकास प्राधिकरण के भ्रष्ट अधिकारियों और विहित प्राधिकारी कोर्ट के जिम्मेदारों से मिलीभगत से खड़ा कर लिया और इसी से चंद कदम की दूरी पर गोविंद अग्रवाल और सहयोगियों ने बड़ा विशाल व्यवसायिक गोदाम भी बना लिया ।
अब देखना है कि जिन नए अधिकारियों की नियुक्ति लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने यहां वर्तमान में की है क्या वो अपना काम ईमानदारी से करेंगे अथवा लखनऊ विकास प्राधिकरण में सिर्फ चेहरे बदलेंगे और भ्रष्टाचार वहीं का वहीं रहेगा ।