छात्र नेता गुलफिशा फातिमा फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोप में जेल में बंद हैं। दिल्ली पुलिस का कहना है कि उसने गलत सूचनाएं फैला कर जनता को भड़काने में अपनी भूमिका निभाई। वह दंगों की साजिश से जुड़ी गुप्त बैठकों में मौजूद रही। अब, सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली दंगों की आरोपी गुलफिशा फातिमा को अपनी ओर से जमानत देने से इंकार कर दिया। किंतु, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि वह गुलफिशा की बेल याचिका पर जल्द सुनवाई करे। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बेला त्रिवेदी और एस सी शर्मा की बेंच ने कहा कि उच्च न्यायालय में यह मामला लंबित है। ऐसे में उच्चतम न्यायालय दखल नहीं देगा।
गुलफिशा फातिमा के वकील ने क्या कहा?
गुलफिशा फातिमा के वकील कपिल सिब्बल का कहना था कि वह चार वर्षों से जेल में है। लंबे वक्त से उच्च न्यायालय में जमानत याचिका लंबित है। जजों ने कहा कि 25 नवंबर से मुकदमा उच्च न्यायालय में लगा है। याचिकाकर्ता के वकील उस दिन उच्च न्यायालय से सुनवाई का आग्रह करें। सनद रहे कि इससे पहले 25 अक्टूबर को सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली दंगों के एक और आरोपी शरजिल इमाम के मामले में भी यही आदेश दिया था।
दिल्ली दंगे में 53 लोगों की हुई थी मौत
सनद रहे कि दिल्ली में सीएए के विरोध में हुए दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी और दो सौ से अधिक लोग घायल हुए थे। इस पर पुलिस का कहना है कि दंगों की साजिश रचने वाले जानते थे कि अमेरिका के राष्ट्रपति के भारत दौरे के दौरान दंगों से अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में भारत को बदनाम किया गया था। इन दंगों ने दिल्ली की परिस्थिति को बहुत प्रभावित किया था।