जब सूर्य बृहस्पति की राशि धनु या मीन में प्रवेश करता है, उस दिन से खरमास शुरू हो जाता है। खरमास साल में दो बार आता है। धार्मिक ग्रंथों में खरमास के महीने को शुभ नहीं माना गया है। इस दौरान शुभ कार्य भी वर्जित होते हैं।
हालांकि खरमास में पूजा-पाठ का महत्व दोगुना बढ़ जाता है. मान्यता है कि इस माह में तुलसी पूजा विशेष फलदायी होती है। खरमास के दौरान तुलसी से जुड़े कुछ काम जरूर करने चाहिए, इससे व्यक्ति को देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
खरसमा 2024 में कब शुरू ?
इस साल खरमास 15 दिसंबर 2024 से शुरू हो रहा है, इसी दिन सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेगा। खरमास में तुलसी पूजा, सूर्य को अर्घ्य और भगवान विष्णु की पूजा करने की परंपरा है।
खरमास में तुलसी पूजा का महत्व
हिंदू धर्म में तुलसी को पूजनीय माना जाता है। तुलसी पूजा से घर-परिवार पर आने वाले सभी संकटों का नाश होता है। खरमास के दौरान नकारात्मक ऊर्जा अधिक सक्रिय रहती है। किसी भी प्रकार की नकारात्मकता को दूर करने के लिए तुलसी पूजा सबसे सरल और अचूक उपाय है। खरमास के दौरान तुलसी को जल चढ़ाने और शाम के समय दीपक जलाने से दोषों से मुक्ति मिलती है। तुलसी की पूजा करने से ग्रहों का अशुभ प्रभाव कम होता है और सुख की प्राप्ति होती है।
इन बातों का रखें ध्यान
खरमास में तुलसी को दीप, जल दान और धूप दी जा सकती है, लेकिन खरमास में तुलसी को कुछ चीजें चढ़ाना वर्जित है, जैसे सिन्दूर या कोई भी सुहाग सामग्री नहीं चढ़ानी चाहिए। तुलसी के पत्ते भी न तोड़ें।