भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद समिक भट्टाचार्य ने सोमवार सुबह आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई बलात्कार और हत्या के मामले में जल्दी-जल्दी निर्णय लेने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच जारी रहनी चाहिए और इसमें शामिल अन्य आरोपियों को भी सजा मिलनी चाहिए।
भट्टाचार्य ने एएनआई से बातचीत में कहा, "हमारा मानना है कि संजय रॉय के कबूलनामे को सुनने की आवश्यकता है। सजा का निर्धारण अदालत का अधिकार है, लेकिन इतनी जल्दी क्यों? अभिषेक बनर्जी ने तो पहले दिन ही कह दिया था कि रॉय को गोली मारकर फांसी दे देनी चाहिए, लेकिन न्याय में जल्दबाजी करने से न्याय का महत्व कम हो जाता है।"
उन्होंने आगे कहा कि अदालत को संजय रॉय के बयान को सुनने के बाद मामले की पूरी सच्चाई का पता लगाना चाहिए। भाजपा नेता ने इस बात पर भी चिंता जताई कि इस मामले से जुड़े सबूतों को नष्ट किया गया है, जिससे लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं। उनका कहना था कि संजय रॉय को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन जो अन्य लोग इस अपराध में शामिल हैं, उन्हें भी मृत्युदंड मिलना चाहिए।
भट्टाचार्य ने सवाल उठाया, "सबूतों को नष्ट करने का काम किसने किया? शव परीक्षण सूर्यास्त के बाद क्यों किया गया? इन सवालों का जवाब अदालत को मिलना चाहिए। अदालत को यह भी जानना चाहिए कि रॉय किस आईपीएस अधिकारी का नाम लेना चाहते हैं। इस मामले में जो भी दोषी हो, उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए।"
वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता विकास रंजन भट्टाचार्य ने इस मामले में अन्य संभावित आरोपियों के बारे में बात करते हुए कहा कि शायद कुछ और लोग इस अपराध में शामिल हो सकते हैं जिन्हें अभी तक न्यायालय में नहीं लाया गया है। उन्होंने एएनआई से कहा, "रॉय को दोषी करार दिया गया है क्योंकि वह एकमात्र आरोपी थे जिनके खिलाफ मुकदमा चलाया गया। लेकिन अदालत के सामने अन्य लोग क्यों नहीं आए?"
भट्टाचार्य ने कहा कि अदालत और जांच एजेंसियों का कर्तव्य है कि वे रॉय द्वारा लगाए गए आरोपों की नए सिरे से जांच करें। उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला एक बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है, जिसे अब तक ठीक से नहीं खंगाला गया है।
यह मामला शनिवार को सियालदह सिविल और क्रिमिनल कोर्ट द्वारा आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रशिक्षु डॉक्टर की बलात्कार और हत्या के मामले में संजय रॉय को दोषी ठहराए जाने के बाद सामने आया। अदालत ने रॉय के खिलाफ बीएनएस की धारा 64,66,103/1 के तहत आरोप तय किए हैं। कोर्ट ने बताया कि आरोपी ने सेमिनार कक्ष में एक महिला डॉक्टर पर हमला किया और उसकी हत्या कर दी थी। यह घटना अगस्त में हुई थी जब डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार रूम में पाया गया था, और इसके बाद संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया था।