राष्ट्रीय पर्वतारोहण और साहसिक खेल संस्थान (NIMAS) की टीम ने ऐतिहासिक ब्रह्मपुत्र नदी राफ्टिंग अभियान के अरुणाचल प्रदेश हिस्से को सफलतापूर्वक पूरा कर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया। अरुणाचल प्रदेश में इसे 'सियांग' के नाम से जाना जाता है, और यह नदी अपनी प्रचंडता और अप्रत्याशित प्रवाह के लिए प्रसिद्ध है।
916KM की यात्रा में 240KM की राफ्टिंग पूरी की
इस साहसिक यात्रा में कुल 916 किलोमीटर की योजना बनाई गई थी, जिसमें से टीम ने 240 किलोमीटर की राफ्टिंग सफलतापूर्वक पूरी की। यह मार्ग दुनिया के सबसे खतरनाक क्षेत्रों में से एक है, जिसमें गेलिंग से लेकर तुतिंग तक का हिस्सा शामिल है। यह क्षेत्र अपने ग्रेड 4 और 5 के रैपिड्स के लिए प्रसिद्ध है। नदी के प्रचंड प्रवाह ने पहले सभी प्रयासों को विफल कर दिया था, और इस बार की राफ्टिंग ने इस क्षेत्र को पार करने में सफलता हासिल की है।
पहली बार ब्रह्मपुत्र के पूरे अरुणाचल-पार्ट का राफ्टिंग प्रयास
यह अभियान ब्रह्मपुत्र नदी के पूरे अरुणाचल प्रदेश और असम क्षेत्र में राफ्टिंग का पहला प्रयास है। यह यात्रा नदी के दुर्गम और चुनौतीपूर्ण मार्गों को पार करते हुए साहस और अन्वेषण की नई सीमाओं को चुनौती देती है।
टीम का स्वागत, ऐतिहासिक उपलब्धि पर बधाई
निमास टीम का पासीघाट में गर्मजोशी से स्वागत किया गया, जहां जिला उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक, ईस्ट सियांग, के साथ जल क्रीड़ा संघ के सदस्य भी उपस्थित थे। उन्होंने टीम को इस ऐतिहासिक और साहसिक अभियान के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ और सराहना दी।
निमास के निदेशक का बयान
निमास के निदेशक, कर्नल आरएस जमवाल ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा, "यह अभियान केवल साहसिकता का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह सीमाओं को पार करने, भय को हराने और भारत में अन्वेषण के लिए एक नया मापदंड स्थापित करने का है। सियांग के जानलेवा रैपिड्स में टीम की सहनशीलता ने निमास की असली भावना को उजागर किया है।"
असम के हिस्से की तैयारी
अरुणाचल प्रदेश का हिस्सा पूरा करने के बाद, निमास की टीम अब ब्रह्मपुत्र नदी के असम हिस्से में राफ्टिंग के लिए तैयार है, जहां उन्हें नए चुनौतियों का सामना करना होगा। इस हिस्से में नदी के विशाल प्रवाह और जटिल मार्गों को पार करना होगा। यह ऐतिहासिक अभियान मानवीय संकल्प का प्रतीक है और भारत की नदियों की अनदेखी सुंदरता और शक्ति का उत्सव है।