राइजिंग स्टार कोर की गुर्ज डिवीजन ने कठुआ स्टेडियम में सोमवार को "अपने सेना को जानो मेला" का आयोजन किया। यह आयोजन 76वें गणतंत्र दिवस के जश्न की पूर्व संध्या पर हुआ और इसका उद्देश्य युवाओं को राष्ट्रीय धारा से और अधिक जोड़ना और उन्हें प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
इस आयोजन में कठुआ जिले के डिप्टी कमिश्नर, जिला सूचना अधिकारी (DIO), ASP कठुआ, जीएमसी कठुआ के प्रिंसिपल और कई स्कूलों के शिक्षक शामिल हुए। इसके अलावा, 700 से अधिक छात्र-छात्राएं आठ अलग-अलग स्कूलों से इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। 50 ग़ुज्जर और बकरवाल के वार्ड, 250 नागरिक तथा 15 पूर्व सैनिक भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।
जोश और उत्साह से भरे युवाओं की भागीदारी
युवाओं ने इस कार्यक्रम में उत्साह और जोश के साथ भाग लिया। गोरखा सैनिकों द्वारा प्रस्तुत ऊर्जा से भरा कुकरी डांस, मराठा सैनिकों द्वारा पारंपरिक मलखंब और सिख योद्धाओं द्वारा दमदार गतका प्रदर्शन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस आयोजन ने युवाओं को भारतीय सेना की जीवनशैली और संस्कृति से जुड़ने का अनूठा अवसर प्रदान किया।
सेना के उपकरणों की प्रदर्शनी
इस अवसर पर सेना के विभिन्न प्रकार के उपकरणों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें इन्फेंट्री, आर्टिलरी, आर्मर्ड वाहन, निगरानी प्रणालियां और नवीनतम T-72 टैंक, ICV Mk III, आर्टिलरी फील्ड गन्स, मीडियम रेंज और वेपन लोकैटिंग राडार, छोटे हथियार और नए वाहन शामिल थे। ये उपकरण सेना की सुरक्षा, गतिशीलता और हथियार प्रणाली में हुए महत्वपूर्ण विकास को प्रदर्शित करते हैं।
युवाओं में सेना में भर्ती की इच्छाशक्ति
कार्यक्रम ने युवाओं को भारतीय सेना की क्षमताओं, उपकरणों और परंपराओं के बारे में गहरी जानकारी प्रदान की, जिससे उनमें सेना में भर्ती होने की उत्सुकता बढ़ी। लगभग 500 छात्रों ने सेना में भर्ती के लिए योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने हेतु कियोस्क का दौरा किया, जहां सेना द्वारा जानकारी पत्रक वितरित किए गए।
गणमान्य व्यक्तियों की सराहना
इस अवसर पर उपस्थित नागरिक गणमान्य व्यक्तियों, जैसे डिप्टी कमिश्नर कठुआ, ASP कठुआ और स्कूल शिक्षकों ने राइजिंग स्टार कोर के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने युवा पीढ़ी को प्रेरित करने और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान के लिए सेना की प्रशंसा की।
"अपने सेना को जानो मेला" ने युवाओं को भारतीय सेना के प्रति एक नई जागरूकता और प्रेरणा दी, जिससे उनका सेना में शामिल होने का उत्साह बढ़ा। इस कार्यक्रम ने सेना और नागरिक समाज के बीच एक सशक्त संबंध स्थापित किया।