अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी शनिवार को 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी। भारत लंबे समय से राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था। तहव्वुर राणा एक पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक हैं और वह 26/11 के मुंबई हमले के मुख्य षड्यंत्रकारियों में से एक हैं।
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्यर्पण को दी मंजूरी
बता दें कि भारत ने 2008 के आतंकवादी हमले के सिलसिले में राणा का प्रत्यर्पण करने के लिए अमेरिकी अधिकारियों से कई बार अपील की थी, क्योंकि वह इस मामले में वांछित था। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि राणा को भारत लाकर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उसे हमले में उसकी भूमिका के लिए सजा दिलवाई जाएगी।
राणा के खिलाफ कई कानूनी लड़ाई लड़ी गई। पहले उसे सैन फ्रांसिस्को के उत्तरी सर्किट कोर्ट में दोषमुक्त किया गया था, लेकिन अमेरिकी अदालतों में इसके बाद भी मामले की सुनवाई जारी रही। राणा ने नवंबर 2023 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में इस मामले के रिव्यू के लिए याचिका दायर की थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया और अब उसकी प्रत्यार्पण प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की मंजूरी दे दी है।
अब, राणा को लॉस एंजिल्स के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में हिरासत में रखा गया है और उसका प्रत्यर्पण भारत के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। भारत की एजेंसियां राणा की भूमिका की जांच करने के लिए जल्द ही उसे अपने देश लाने की प्रक्रिया शुरू करेंगी।
कौन है तहव्वुर राणा?
मुंबई पुलिस ने 26/11 आतंकी हमले के संबंध में अपनी चार्जशीट में तहव्वुर राणा का नाम शामिल किया था। उस पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक एक्टिव मेंबर के रूप में काम करने के आरोप हैं। चार्जशीट में राणा पर आरोप लगाया गया कि उसने 26/11 आतंकी हमले के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली की मदद की थी।