उत्तराखंड के बाद अब गुजरात में भी समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने आज इस संबंध में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने बताया कि UCC का मसौदा तैयार करने और इसके लिए कानून बनाने के लिए एक 5 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में काम करेगी और 45 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर सरकार आगे का निर्णय लेगी।
चुनाव घोषणापत्र में भी था UCC का जिक्र
BJP ने अपने 2022 के चुनाव घोषणापत्र में यह वादा किया था कि वह राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू करेगी। अब यह समिति जनता से सुझाव मांगने के लिए तैयार है, ताकि UCC को लागू करने के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें। समिति के द्वारा प्राप्त सुझावों और उनके फैसलों के आधार पर UCC को लागू किया जाएगा।
समान नागरिक संहिता का उद्देश्य
समान नागरिक संहिता का उद्देश्य एक ऐसा कानून स्थापित करना है, जो सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू हो, चाहे उनका धर्म, जाति या लिंग कुछ भी हो। भाजपा का मानना है कि यह कदम देश भर में व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने वाले कानूनों में एकरूपता लाने के लिए महत्वपूर्ण होगा।