24 साल से ओडिशा जेल में बंद 'दारा सिंह' के लिए उठने वाली पहली आवाज है डॉ सुरेश चव्हाणके जी की। ये वो आवाज है जो अब तक किसी के भी मुंह से नहीं निकली... दारा सिंह 21 साल से जेल की सलाखों के अंदर है और जेल में उसका व्यवहार एकदम सही और न्यायोचित था। उसका कितना टार्चर हुआ इसकी भी आज तक किसी को जानकारी नहीं है।
तमाम ऐसे लोग इस बीच में जेल से दया के नाम पर छोड़ दिये गए हैं, जो अपनी पत्नियों को टुकड़ों में काट कर तंदूर में जलाते पकड़े गये थे... जैसे कांग्रेस के पूर्व नेता सुशील शर्मा और कई नक्सली और आंतकी जिन्होंने जीवन भर भारत के सैनिकों पर हमले किये।
उस दारा सिंह को रिहा करने की आवाज सबसे पहले सुरेश चव्हाणके जी ने उठाई। साध्वी प्रज्ञा, कर्नल पुरोहित, मेजर रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, स्वामी अमृतानन्द, स्वामी असीमानंद, धनंजय देसाई आदि की सफल मुहिम छेड़ने और उनको आख़िरकार न्याय दिलाने की मुहिम सफलतापूर्वक चलाने वाले सुरेश चव्हाणके जी ने दारा सिंह की भी रिहाई करवाने की मांग की।
लाइव टीवी पर बोलते हुए सुरेश चव्हाणके जी ने दारा सिंह की लगभग पूरी हो चुकी सजा पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है। ज्ञात हो कि खबर से पहले ध्यान देने योग्य है कि कभी धर्मांतरण की मशीन बन चुके ओडिशा के ग्रैहम स्टेंस के परिवार को खत्म कर देने वाले बजरंग दल के कार्यकर्ता दारा सिंह को पिछले लगभग 20 वर्षो से एक पल के लिए भी जेल से बाहर निकलने नहीं दिया गया।
वर्ष 1999 के 22-23 जनवरी की मध्य रात्रि में ओडिशा के क्योंझर-मयूरभंज जिलों की सीमा पर मनोहरपुर नामक ग्राम में अनगिनत लोगों का धर्मांतरण करवा चुके एक ऑस्ट्रेलियाई मिशनरी स्टेन्स को उसके परिवार के साथ मार देने की घटना ने भारत ही नहीं पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया।
हमला धर्मांतरण करवाने वालों की जड़ पर था इसीलिए एक नाम बहुत चर्चा में आया। इसके बाद दारा सिंह का नाम किसी ने नहीं सुना और न ही किसी ने लिया, दारा सिंह का नाम अब सुरेश चव्हाणके जी ने लिया है और मांग की है कि यदि सरकार को लगता है कि उसकी सजा पूरी हो चुकी है तो उस पर पुनर्विचार किया जाय और उसके साथ भी वही मापदंड अपनाया जाय तो अक्सर अल्पसंख्यक नाम आने के बाद अपनाया जाता है।
याद रखने योग्य है कि ये आवाज इस स्तर पर उठाने वाले सुरेश चव्हाणके जी मीडिया ही नहीं बल्कि लगभग हर वर्ग के प्रथम व्यक्ति है। आज श्री सुरेश चव्हाणके जी का जन्मदिन देश-विदेश में धूम धाम से मनाया जा रहा है और उनके तमाम समर्थक सोशल मीडिया पर #HBD_SureshChavhanke हैश टैग चला रहे हैं और अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कर रहे हैं।