मंगलवार से उत्तर प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र शुरू हो गया है। इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। इसके बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने कहा कि भाषा को लेकर संघर्ष बहुत पुराना है, और विपक्ष ने क्षेत्रीय भाषाओं का अपमान किया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार भोजपुरी और अवधी भाषाओं के लिए बोर्ड बना रही है।
विपक्ष पर निशाना
सीएम योगी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ाना चाहता है, लेकिन आम जनता के बच्चों से वे उर्दू पढ़ाने की अपील करते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष केवल मौलवी बनाने की सोच रखता है।
सत्र का स्थगन और सदन की कार्यवाही
विधान परिषद बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इस सत्र की शुरुआत से पहले विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों से अपील की कि वे जनहित के मुद्दों पर चर्चा करें और प्रदेश के विकास में सहयोग दें।
CM योगी का स्वस्थ चर्चा का आह्वान
मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में स्वस्थ और प्रभावी चर्चा होनी चाहिए, जिससे प्रदेश का विकास तेज़ी से हो सके और जनता की समस्याओं का समाधान मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि यूपी देश का पहला राज्य है जहां ई-विधान प्रणाली लागू की गई है, जो विधानसभा की एक नई पहचान बना रही है।
विपक्ष की जिम्मेदारी
सीएम ने कहा कि सदन की कार्यवाही को सही दिशा में चलाना केवल सरकार की ही नहीं, बल्कि विपक्ष की भी जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार ने पिछले आठ वर्षों में प्रदेश के विकास के लिए कई नई दिशा-निर्देश स्थापित किए हैं, जो अभूतपूर्व हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विपक्ष कभी-कभी इन मुद्दों पर चर्चा करने से बचता है और सदन की कार्यवाही में रुकावट डालता है, लेकिन यदि विपक्ष सकारात्मक रूप से चर्चा में हिस्सा लेता है, तो यह सत्र बहुत अच्छा साबित हो सकता है।