महाशिवरात्रि के अवसर पर महाकुंभ में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ रहा है। प्रयागराज में आयोजित इस भव्य आयोजन के अंतिम अमृत स्नान के लिए रेलवे ने विशेष इंतजाम किए हैं। अब तक 63.36 करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों ने पवित्र स्नान किया है, और इस संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। महाकुंभ के अंतिम दिन लाखों श्रद्धालु वापस लौटने के लिए रेलवे पर निर्भर हैं, जिससे उनके सुरक्षित और आरामदायक सफर के लिए रेलवे ने 350 विशेष ट्रेनों का संचालन किया है।
महाशिवरात्रि के महास्नान के बाद तीर्थयात्रियों की भारी संख्या में वापसी को देखते हुए रेलवे ने बड़े स्तर पर व्यवस्थाएं बनाई हैं। प्रयागराज में बढ़ती भीड़ को संभालने के लिए उत्तर मध्य रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे और उत्तर रेलवे ने मिलकर खास इंतजाम किए हैं। इन रेलवे जोन के अधिकारियों ने स्टेशन पर अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती की है और यात्रीगण की सुविधा के लिए अतिरिक्त रेक भी तैनात किए गए हैं।
रेलवे ने इस दौरान 15,000 से अधिक ट्रेनें चलाई हैं, जिनमें मौनी अमावस्या के अवसर पर 360 से अधिक ट्रेनों का संचालन किया गया था। महाशिवरात्रि के बाद भी अतिरिक्त ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया गया है ताकि तीर्थयात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। शुरुआत में रेलवे ने 13,500 ट्रेनों का संचालन करने का निर्णय लिया था, लेकिन भारी भीड़ को देखते हुए इस संख्या को बढ़ाया गया है।
25 फरवरी को अकेले 1.11 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे थे, जिससे रेलवे ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया है। केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव खुद इस व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं, और रेलवे के दिन जोन अधिकारी भी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं ताकि किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो। इस दौरान विशेष ट्रेनें तीर्थयात्रियों को उनके घर लौटने में मदद करेंगी और सुनिश्चित करेंगी कि वे सुरक्षित और आराम से अपनी यात्रा पूरी कर सकें।
आज महाकुंभ का समापन हो रहा है, और यह आयोजन पिछले 45 दिनों से चल रहा था। इस दौरान तीर्थयात्रियों के आने-जाने के लिए रेलवे ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और अंततः श्रद्धालुओं की वापसी को सुगम बनाने के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं की हैं।