छतीसगढ़ के सकती से घर वापसी की खबर सामने आई है। करीब 651 ईसाइयों ने अपनी मर्जी से ईसाइयत छोड़कर सनातन धर्म अपनाया है। इन लोगों को वैदिक रीति-रिवाजों से हिंदू धर्म की दीक्षा दी गई। इस विशेष कार्यक्रम का आयोजन शक्तिशाली हिंदू संतों और समाज के प्रमुख व्यक्तियों की उपस्थिति में किया गया।
651 ईसाई परिवारों ने की घर वापसी
बताया जा रहा है कि ये परिवार पहले हिंदू थे, लेकिन कुछ कारणों से वे ईसाई धर्म को अपना चुके थे। इन परिवारों की घर वापसी का कार्य प्रमुख भाजपा नेता प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने करवाया। जूदेव परिवार दो पीढ़ियों से इस कार्य में सक्रिय है और अब तक हजारों परिवारों को सनातन धर्म में वापस लाने का कार्य कर चुका है।
सक्ती में आयोजित विराट हिंदू सम्मेलन में प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने इन परिवारों के पांव धोकर उन्हें हिंदू धर्म की दीक्षा दी। इस दौरान साध्वी प्रज्ञा और अन्य प्रमुख हिंदू संत भी उपस्थित थे। यह घर वापसी कार्यक्रम हिंदू समाज की एकता और अपनी जड़ों से जुड़ने का प्रतीक है।
संतों की धर्म पंचायत का भी आयोजन
घर वापसी के कार्यक्रम ने समाज में एक नया उत्साह और जागरूकता का संचार किया है। यह आयोजन न केवल हिंदू धर्म की महिमा को प्रस्तुत करने वाला था, बल्कि उन परिवारों के लिए भी महत्वपूर्ण था जिन्होंने लंबे समय बाद अपनी जड़ों को पहचाना और सनातन धर्म को अपनाया।
प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा कि सनातन संस्कृति को छद्म हिन्दुओं से सबसे बड़ा खतरा हैं। यह गुप्त ईसाइयत (क्रिप्टो क्रिस्चिनीटी ) हमारे हिंदू समाज में रहकर छल पूर्वक धर्म परिवर्तन को बढ़ावा देते हैं और स्लीपर सेल्स की तरह कार्य करते हैं। इनका पर्दाफाश करना अति आवश्यक है। जूदेव ने धर्म सेना के सक्ति जिला अध्यक्ष श्याम चौहान को सम्मानित किया।