इनपुट- रवि शर्मा, लखनऊ
उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने विधानसभा में बुधवार को सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्ष के बिजली के निजीकरण के सवाल और बिजली के दाम बढ़ाने के आरोपों का जवाब देते हुए सदन को बताया कि विपक्ष का यह आरोप कि देश में जहां-जहां पर बिजली का निजीकरण हुआ है वहां पर बिजली के दाम बढ़ गए हैं, यह बात निराधार है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष को यह बात मालूम होना चाहिए कि निजीकरण के तहत जब नोएडा पावर कंपनी को नोएडा क्षेत्र का काम दिया गया उस समय प्रदेश में राष्ट्रपति शासन था और यहां पर कांग्रेस की सरकार थी। उसके बाद प्रदेश में सपा की सरकार आई लेकिन निजीकरण की प्रक्रिया को नहीं रोका गया बल्कि उसे होने दिया गया। इसका परिणाम यह रहा कि संपूर्ण नोएडा क्षेत्र में एनपीसीएल की दरों के कारण सभी प्रकार के उपभोक्ताओं के रेट में 10% बिजली की दरों में कमी आई। उन्होंने कहा इसी प्रकार प्रदेश में बीएसपी की सरकार के दौरान आगरा क्षेत्र में बिजली टोरेंट पॉवर को दिया गया। वर्ष 2012 में प्रदेश में सपा की सरकार आई फिर भी उन्होंने इस निजीकरण की प्रक्रिया को नहीं रोका। आगरा के उपभोक्ताओं को प्रदेश के अन्य क्षेत्र के उपभोक्ताओं की दर पर ही आज भी बिजली मिल रही है। उन्होंने कहा कि निजीकरण के कारण कहीं पर भी बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं हुई। विपक्ष द्वारा प्रदेश की जनता को गुमराह किया जा रहा है कि निजीकरण से बिजली के दाम बढ़ जाएंगे। जनता को विपक्ष की बातों का विश्वास नहीं करना चाहिए।
विपक्ष द्वारा कर्मचारियों को लेकर फैलाई जा रही भ्रांतियां पर भी ऊर्जा मंत्री ने कहा कि किसी भी कर्मचारी का अहित नहीं होगा। सभी का समायोजन अन्य डिस्कॉम में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार जो भी कर रही है इसमें कोई ईगो वाली बात नहीं है। राज्य के हित में व जनता के हित में प्रदेश की जनता को 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली देने के लिए निजीकरण व पीपीपी मॉडल की प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सपा सरकार के दौरान बिजली की सेहत बिल्कुल भी अच्छी नहीं थी विपक्ष उड़ीसा की बिजली की बात करते हैं लेकिन उन्होंने डेढ़ गुना से अधिक दर पर बिजली खरीद का उस समय एग्रीमेंट किया था, जो कि प्रदेश के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण रहा। वर्ष 2017 में सपा सरकार ने 1.42 लाख करोड रुपए का घाटा भाजपा सरकार को विरासत में दिया था, जिसे प्रदेश की भाजपा सरकार कम करने की कोशिश कर रही है। इसी प्रकार इन्होंने डेढ़ लाख से अधिक मजरों का विद्युतीकरण भी नहीं किया था, जिसको प्रदेश सरकार ने इसमें से 1.21 लाख मजरों का विद्युतीकरण कर चुकी है और 19 से 20 हज़ार और मजरों का विद्युतीकरण होना बाकी है जिसके लिए प्रयास किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आरडीएसएस योजना के तहत अभी तक 16 हजार करोड रुपए से ज्यादा के कार्य कराए जा चुके हैं, जिसमें बिजली के जर्जर खंभे, तार, बांस बल्ली में चल रही लाइनों को बदलने का कार्य किया गया। वित्तीय वर्ष 22-23 में 5 हज़ार करोड रुपए, 23-24 में भी 5 हज़ार करोड रुपए तथा 24-25 में भी 5 हज़ार करोड रुपए के कार्य कराए गए। विगत 02 वर्षों में 28 लाख 92 हजार 326 विद्युत पोल लगाने के लक्ष्य में अभी तक 26 लाख 38 हज़ार विद्युत पोल लगाए जा चुके हैं। इसी प्रकार उपभोक्ताओं के बिलों में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ भी सख़्त कार्रवाई की गई है। गलत बिल देने वाले 3394 मीटर रीडरों की सेवाएं समाप्त की जा चुकी हैं। 28 कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है तथा 85 नियमित कर्मचारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी की गई है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों की तुलना में विद्युतीकरण की दिशा में प्रदेश में ऐतिहासिक सुधार हुए हैं।