प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर आज कैबिनेट की बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में किसानों के हित में बड़ा निर्णय लिया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक, 2025-26 सीजन के लिए (रॉ जूट) का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने का निर्णय लिया जा सकता है।
केंद्रीय कैबिनेट की पिछली बैठक में लिया गया था अहम फैसला
बता दें कि, इससे पहले, 1 जनवरी को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में भी किसानों के लिए अहम निर्णय लिए गए थे। सरकार ने किसानों को डीएपी उर्वरक की कीमतों में राहत देने की घोषणा की थी। इसके तहत, 50 किलो डीएपी बैग की कीमत 1350 रुपये तय की गई थी, जिससे सरकार डीएपी पर 3850 रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी देगी। इसके अलावा, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने को मंजूरी दी गई थी। इसके लिए सरकार ने 69,515.71 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया था।
रबी की फसलों का MSP बढ़ाया था केंद्र सरकार ने
केंद्र सरकार ने हाल ही में रबी की छह प्रमुख फसलों के MSP को बढ़ाने का फैसला लिया था। इन फसलों में चना, गेहूं, मसूर, सरसों, जौ और सनफ्लॉवर सीड्स शामिल हैं। गेहूं की MSP को 150 रुपये बढ़ाकर 2,425 रुपये प्रति क्विंटल किया गया, जबकि सरसों की MSP 300 रुपये बढ़ाकर 5,950 रुपये प्रति क्विंटल की गई थी।
क्या है MSP?
MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) वह राशि है जिस पर सरकार किसानों से फसलें खरीदती है। यह मूल्य सरकारी खरीद के लिए निर्धारित किया जाता है, भले ही बाजार में फसलों की कीमत ऊपर या नीचे हो। MSP का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय को सुनिश्चित करना और खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करना है, ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके।