इनपुट-अंशुमान दुबे, लखनऊ
लखनऊ विकास प्राधिकरण का नया पोर्टल व वेबसाइट अत्याधुनिक टेक्नोलाॅजी से लैस होंगे। इससे न सिर्फ वेबसाइट का रिस्पाॅन्ड टाइम बेहतर हो जाएगा, बल्कि किसी भी तरह की इंट्री को ऑनलाइन ट्रेस करके सत्यापित किया जा सकेगा। सुरक्षा के लिहाज से भी नया साॅफ्टवेयर फुल प्रूफ होगा और इसमें डाटा का संरक्षण बेहतर तरीके से किया जा सकेगा। इसके लिए ई0आर0पी0 (इंटीटी रिसोर्स प्लानिंग) साॅफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है।
प्राधिकरण की अध्यक्ष/मण्डलायुक्त डाॅ0 रोशन जैकब ने मंगलवार को पारिजात सभागार में बैठक करके एलडीए में प्रचलित आई0टी0 सम्बंधी कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिये कि पोर्टल को जन सामान्य के लिहाज से आकर्षक व यूजर फ्रेंडली बनाने के साथ ही सिटिजन सर्विसेज को उच्चीकृत किया जाए। लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बैठक में बताया कि प्राधिकरण में जो ई0आर0पी0 साॅफ्टवेयर चल रहा है। उसकी टेक्नोलाॅजी कई वर्ष पुरानी है। वर्तमान में यह टेक्नोलाॅजी प्रचलित नहीं है और इनका कम्यूनिटी सपोर्ट भी बंद हो चुका है। इस ई0आर0पी0 में जी0यू0आई0 (ग्राफिकल यूजर इंटरफेस) न तो यूजर फ्रेंडली है और न ही आज के मानकों पर खरा उतरता है।
इसके अलावा प्राधिकरण द्वारा जब भी आवासीय/व्यावसायिक योजनाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन खोले जाते हैं, तब वेबसाइट पर अत्याधिक ट्रैफिक बढ़ने से वेब पोर्टल पर रिस्पाइंड टाइम धीमा हो जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण के लिए नया वेब पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जो कि पहलेे की तुलना में कहीं अधिक उपयोगी होगा। इसके अंतर्गत पूर्व में प्रचलित सभी सेवाओं का सरलीकरण किया जा रहा है, जिससे लोग आसानी से डिजिटल सेवाओं का लाभ उठा सकें।
सम्पत्ति का पूरा ब्योरा होगा उपलब्ध-
उपाध्यक्ष ने बताया कि पोर्टल में सभी योजनाओं की सम्पत्ति का पूरा ब्योरा उपलब्ध होगा। इसके अलावा विकास क्षेत्र के किसी भी हिस्से की लैंड यूज रिपोर्ट भी आसानी से मिल जाएगी। इसके लिए आवेदक को तहसील, गांव का नाम व गाटा संख्या डालना होगा और एक क्लिक पर रिपोर्ट सामने होगी। इसमें यह भी प्रावधान किया जा रहा है कि कोई भी व्यक्ति निर्धारित शुल्क जमा करके लैंड यूज की एन0ओ0सी0 भी प्राप्त कर सकेगा।
नये साॅफ्टवेयर में डाटा रहेगा सुरक्षित-
सचिव विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि पुराने साॅफ्टवेयर में तकनीकि खामियों के चलते डाटा की सुरक्षा सुदृढ़ नहीं थी। अब नया साॅफ्टवेयर विकसित करते हुए सारा डाटा उसमें माइग्रेट किया जा रहा है, जोकि पूरी तरह सुरक्षित होगा और इसमें किसी भी तरह की छेड़छाड़ की संभावना नहीं रहेगी। किसी भी फाइल को आसानी से ट्रेस किया जा सकेगा। इसके अलावा नये सॉफ्टवेयर में व्हाट्सएप बाॅट, चैटबाॅट व डिजीलाॅकर जैसे वर्तमान में प्रचलित टूल्स के साथ-साथ और भी नये फंक्शन्स संचालित हो सकेंगे।
विशेष कार्याधिकारी देवांश त्रिवेदी ने अवगत कराया कि नवीनतम टेक्नोलाॅजी पर संचालित ई0आर0पी0 में प्लानिंग, सम्पत्ति, अभियंत्रण, वित्त एवं लेखा, मानव संसाधन, अभिलेखागार, अनुरक्षण, विधि व जनसूचना आदि अनुभागों के माॅड्यूल विकसित किये जा रहे हैं। इसमें पेमेंट गेट-वे, डिजिटल सर्टीफिकेट, डाॅक्यूमेंट मैनेजमेंट सिस्टम, आधार बेस्ड वेरीफिकेशन जैसी अन्य सेवाएं उपलब्ध होंगी। यह दिसंबर 2025 तक पूर्ण रूप से संचालित हो जाएगा।
बैठक के दौरान मण्डलायुक्त ने प्राधिकरण में लागू की गयी सिंगल विन्डो सिस्टम की भी समीक्षा की। इसमें पाया गया कि लगभग 1400 प्रार्थना पत्रों का सफलतापूर्वक निस्तारण किया गया है। इस पर मण्डलायुक्त ने व्यवस्था की सराहना करते हुए निर्देश दिये कि सिंगल विन्डो सिस्टम में प्राप्त होने वाले प्रार्थना पत्रों को शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर समयबद्ध रूप से निस्तारित किया जाए। जिसकी सक्षम स्तर पर नियमित रूप से समीक्षा भी की जाती रही।