प्रसिद्ध कवि गुलजार और संस्कृत विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य को 58वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. ज्ञानपीठ चयन समिति ने इसकी घोषणा की है. ज्ञानपीठ चयन समिति ने एक बयान में कहा, ‘‘यह पुरस्कार (2023 के लिए) दो भाषाओं के प्रतिष्ठित लेखकों को देने का निर्णय लिया गया है - संस्कृत साहित्यकार जगद्गुरु रामभद्राचार्य और प्रसिद्ध उर्दू साहित्यकार गुलजार.’’
वहीं इस पर सीएम योगी ने गुलजार और जगद्गुरु रामभद्राचार्य को बधाई दी है. गुलजार और जगद्गुरु रामभद्राचार्य को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलने के एलान पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, "पूज्य संत, संस्कृत भाषा के प्रकांड विद्वान व आध्यात्मिक गुरु, जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज को प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार-2023 से सम्मानित होने पर हृदयतल से बधाई! आपका तपस्वी और शुचिता पूर्ण जीवन पूरे समाज के लिए एक महान प्रेरणा है."
सीएम योगी ने कहा कि, "प्रख्यात गीतकार, कवि व फिल्मकार श्री गुलजार जी को प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार-2023 से सम्मानित होने पर हार्दिक बधाई! लेखन के प्रति समर्पण और साहित्य जगत में आपका अतुल्य योगदान सभी के लिए प्रेरणाप्रद है."
सीएम ने आगे कहा कि पूज्य संत, संस्कृत भाषा के प्रकांड विद्वान व आध्यात्मिक गुरु, जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज को प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार-2023 से सम्मानित होने पर हृदयतल से बधाई! आपका तपस्वी और शुचिता पूर्ण जीवन पूरे समाज के लिए एक महान प्रेरणा है.
बता दें कि चित्रकूट में तुलसी पीठ के संस्थापक और प्रमुख रामभद्राचार्य एक प्रसिद्ध हिंदू आध्यात्मिक गुरु, शिक्षक और चार महाकाव्य समेत कई पुस्तकों के लेखक हैं. रामभद्राचार्य ने संस्कृत, हिंदी, अवधी और मैथिली सहित कई भारतीय भाषाओं में रचनाओं का सृजन किया है. 2015 में उन्हें पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
वहीं गुलजार के नाम से मशहूर संपूर्ण सिंह कालरा हिंदी सिनेमा में अपने कार्य के लिए पहचाने जाते हैं और वर्तमान समय के बेहतरीन उर्दू कवियों में शुमार हैं.