कानपुर में ट्रेन दुर्घटना की साजिश से जुड़े मामले में यूपी एटीएस ने कौशांबी स्थित दो मदरसों पर छापा मारा। टीम को आशंका थी कि इस मामले से जुड़े दो संदिग्ध, जो कथित तौर पर पीएफआई से जुड़े हैं और नेपाल के निवासी हैं, वहां छिपे हो सकते हैं। हालांकि, तलाशी के दौरान वहां कोई नहीं मिला।
इस मामले में कोई आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है। जिले के अधिकारी इस पर टिप्पणी करने से बच रहे हैं। एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि उन्हें इस छापेमारी की जानकारी नहीं है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जांच एजेंसियां स्वतंत्र रूप से काम करती हैं और जरूरी नहीं कि स्थानीय पुलिस को हर छापेमारी के बारे में सूचित किया जाए।
कानपुर के प्रेमपुर रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन पलटाने की कोशिश के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने संदिग्धों की तलाश तेज कर दी है। इस संदर्भ में कौशांबी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यूपी एटीएस ने मंगलवार को कौशांबी जिले के दो स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें उन्हें नेपाल से अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले दो मौलानाओं की तलाश हो रही है।
यह छापेमारी पहले से गिरफ्तार सात संदिग्धों की सूचना पर की गई। हालांकि, दोनों मौलाना अभी भी फरार हैं। यूपी एटीएस अब उनके साथ जुड़े व्यक्तियों से पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि ये दोनों मौलाना प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से जुड़े हुए हैं, एक कौशांबी के मदरसे में शिक्षा दे रहा है, जबकि दूसरा कानपुर के एक प्रमुख मदरसे से जुड़ा है।
बात दें कि, रविवार को प्रेमपुर स्टेशन के पास रेलवे पटरी पर एलपीजी सिलेंडर रखकर ट्रेन को पलटाने का प्रयास किया गया था, लेकिन यह साजिश सफल नहीं हो पाई। इस घटना के बाद से खुफिया एजेंसियां संदिग्धों की पहचान और पकड़े जाने की प्रक्रिया में जुट गई हैं, और अब तक कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसी बीच, कौशांबी में खुफिया तंत्र सक्रिय हो गया है।