भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में पिछले 48 घंटों में दिवाली को लेकर कुछ जिहादी मानसिकता के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया है। इससे कुछ हफ्ते पहले बकरीद के दौरान भी इसी प्रकार के विवाद देखे गए थे। अब सवाल उठ रहा है कि क्या यह दिवाली पर हुआ विरोध बकरीद के समय हुए तनाव का जवाब है? आइए, इस स्थिति को विस्तार से समझते हैं।
देशभर में दिवाली का उत्साह है, लेकिन मुंबई में हाल के घटनाक्रमों ने माहौल बिगाड़ दिया है। यहां कुछ स्थानों पर हिंदू त्योहारों को लेकर आपत्तियाँ जताई जा रही हैं। एक ओर, जहां युवाओं द्वारा पटाखे जलाने पर मारपीट हुई, वहीं दूसरी ओर कुछ सोसाइटियों में दिवाली की लाइट्स लगाने पर भी विवाद हुआ है।
सवाल यह उठता है कि क्या मुंबई में हो रहे ये घटनाक्रम हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का प्रयास हैं? या फिर यह माहौल खराब करने की किसी गहरी साजिश का हिस्सा हैं?
मुंबई के मीरा रोड क्षेत्र में पटाखे जलाने पर एक हिंदू युवक की पिटाई का मामला सामने आया है। इसी स्थान पर जनवरी में बकरीद पर कुर्बानी को लेकर भी विवाद हुआ था। तब, कुछ विशेष समुदाय के लोगों ने सोसायटी में कुर्बानी करने का प्रयास किया, जिससे काफी तनाव फैल गया था।
अब, दिवाली के समय फिर से इसी क्षेत्र में विरोध देखा गया। मीरा-भयंदर रोड पर आतिशबाजी करने वाले हिंदू युवकों के साथ जिहादी झुंड ने की। इस मामले में पुलिस ने पाँच आरोपियों को गिरफ्तार कर कार्रवाई शुरू की है।
इसके साथ ही, सोशल मीडिया पर एक और वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें नवी मुंबई के तलोजा क्षेत्र में दीपावली की लाइट्स लगाने पर आपत्ति जताई गई। इसमें आरोप है कि कुछ जिहादियों ने हिंदू महिलाओं को लाइट्स लगाने से रोका और उनके साथ अभद्रता की।
इन घटनाओं ने त्योहार की खुशियों को किरकिरा कर दिया है। दिवाली मनाने में बाधा उत्पन्न करने वाले इन विवादों ने 'भाईचारे' पर सवाल और शहर में तनाव का माहौल पैदा किया है।