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Delhi AQI: दिल्ली-एनसीआर का प्रदूषण से हाल-बेहाल, AQI पहुंचा 500 पार, केंद्र ने जारी की एडवाइजरी, जानें...

वायु प्रदूषण को देखते हुए जहां दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है, वहीं जेएनयू और दिल्ली यूनिवर्सिटी ने भी फिजिकल कक्षाएं बंद कर दी हैं और सभी कक्षाएं ऑनलाइन कर दी हैं।

Rashmi Singh
  • Nov 19 2024 9:44AM

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। सबसे ज्यादा दिक्कत नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में है। यहां  मंगलवार यानी19 नवंबर को ज्यादातर स्टेशनों पर AQI AQI 500 को पार कर गया था।  जो गंभीर श्रेणी से भी ज्यादा है। इससे पहले सोमवार को भी इन शहरों में AQI लेवल 500 से ऊपर था। 

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सोमवार को वायु प्रदूषण के संबंध में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक अद्यतन सलाह जारी की। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी ने 23 नवंबर और जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी ने 22 नवंबर तक ऑफलाइन कक्षाएं बंद कर ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने का फैसला किया है। इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर में भी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। स्कूलों को ऑनलाइन क्लास लेने का आदेश दिया गया है। 

दिल्ली के इन इलाकों में हवा सबसे ज्यादा खराब

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली के आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, जहांगीरपुरी, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम और कई अन्य स्थानों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मंगलवार सुबह 5 बजे 500 अंक को छू गया, जिससे स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई है। 

वायु प्रदूषण पर बड़े अपडेट

1. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 'गंभीर प्लस' श्रेणी में पहुंचने के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर के सभी राज्यों को प्रदूषण-विरोधी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान -4 (जीआरएपी) प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया। इसके लिए तत्काल टीमें गठित करने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी साफ कर दिया कि अगले आदेश तक पाबंदियां जारी रहेंगी। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि यह सुनिश्चित करना सभी राज्यों का संवैधानिक कर्तव्य है कि सभी नागरिक प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहें। 

2. प्रदूषण को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने भी सलाह दी है. उन्होंने अपनी सलाह में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मौजूदा स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने और लोगों को वायु प्रदूषण के खतरों के प्रति जागरूक करने की सलाह दी है। सलाहकार वायु प्रदूषण से निपटने की रणनीतियों सहित जलवायु परिवर्तन के स्वास्थ्य प्रभावों को संबोधित करने के लिए जिला और शहर स्तर पर विस्तृत कार्य योजना विकसित करने का भी सुझाव देता है।

3. शिक्षा निदेशालय ने सरकारी और निजी स्कूलों के प्रमुखों को एक परिपत्र जारी कर 10वीं और 12वीं कक्षा सहित सभी छात्रों के लिए कक्षाएं बंद करने का निर्देश दिया।

4. प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने इसे मेडिकल इमरजेंसी घोषित कर दिया है और संस्थानों से जन स्वास्थ्य के हित में जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया है। 

ग्रेप-4 के तहत लागू रहेंगी ये पाबंदियां

1. दिल्ली में BS-IV और उससे नीचे पंजीकृत डीजल चालित मध्यम माल वाहन (MGV) और भारी माल वाहन (HGVS) के चलने पर सख्त प्रतिबंध। हालांकि, जरूरी सामान या सेवाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले वाहनों को इससे छूट दी गई है। 

2. ग्रेप-3 की तरह, राजमार्ग, सड़क, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइन, दूरसंचार आदि जैसी सार्वजनिक परियोजनाओं के लिए निर्माण और विकास गतिविधियों पर प्रतिबंध है।

3. NCR और GNCTD की राज्य सरकारें कक्षा-VI, IX और कक्षा XI तक की भौतिक कक्षाएं बंद करने और ऑनलाइन मोड में कक्षाएं संचालित करने का निर्णय ले सकती हैं। 

4. दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश बंद (आवश्यक सामान ले जाने वाले/आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले ट्रकों को छोड़कर)। हालाँकि, सभी LNG/CNG/इलेक्ट्रिक/BS-VI डीजल ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति होगी। 

5. ईवीएस/सीएनजी/बीएस-VI डीजल के अलावा दिल्ली के बाहर पंजीकृत हल्के वाणिज्यिक वाहनों (आवश्यक वस्तुओं या सेवाओं को ले जाने के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहनों को छोड़कर) को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।

6. एनसीआर की राज्य सरकारें/जीएनसीटीडी सार्वजनिक, नगरपालिका और निजी कार्यालयों को 50% क्षमता पर काम करने और बाकी को घर से काम करने की अनुमति देने पर निर्णय ले सकती हैं।

7. केंद्र सरकार के दफ्तरों में कर्मचारियों को घर से काम करने की इजाजत देने पर फैसला लिया जा सकता है। 

8. नागरिकों से सिटीजन चार्टर का पालन करने की अपील की जा सकती है। क्षेत्र में वायु गुणवत्ता को बनाए रखने और सुधारने के लिए GRAP-I, GRAP-II और GRAP-III के नागरिक चार्टर के कार्यान्वयन में सहायता करना।

9. बच्चों, हार्ट और सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे बुजुर्गों, दिमाग से जुड़े या किसी पुरानी बीमारी से जूझ रहे लोगों को बाहरी निकलने से बचने की सलाह दी जा सकती है। 

10. राज्य सरकारें अतिरिक्त आपातकालीन उपायों पर विचार कर सकती हैं। जैसे कॉलेजों/शैक्षणिक संस्थानों को बंद करना, गैर-आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों को बंद करना, वाहनों को पंजीकृत संख्या के आधार पर सम-विषम आधार पर चलने की अनुमति देना।

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