सुप्रीम कोर्ट में आज यानी 12 दिसंबर को प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 के दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना समेत तीन जजों की बेंच में मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि, अभी मामला विचाराधीन है, इस मामले की अगली सुनवाई तक मंदिर-मस्जिद से जुड़े किसी भी नए मुकदमे को दर्ज नहीं किया जाएगा।
CJI ने आगे कहा कि, जब तक हम इस मामले पर सुनवाई नहीं सुना देते, तब तक कोई और मामला दायर नहीं किया जाएगा। हमारे पास राम जन्मभूमि केस भी है। कोर्ट ने कहा कि, जो भी मामले दर्ज है, वो चलते रहेंगे। वहीं वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन ने कहा कि, जो भी मामले चल रहे है। फिलहाल कार्यवाही पर रोक लगाने की जरूरत है। सर्वे के आदेश दिए जा रहे है। अदालत ने आगे कहा कि,ऐसे कितने मुकदमें लंबित है, दो मुकदमें के बारे में तो मुझे पता है।
वहीं, केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए थे। उन्होंने अदालत को बताया कि, सरकार इस मामले में हलफनामा दाखिल करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, जब तक केंद्र का जवाब दाखिल नहीं होता, तब तक मामले की सुनवाई पूरी तरह संभव नहीं है। साथ ही कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि मामले की सुनवाई के दौरान किसी भी तरह के नए मुकदमे दर्ज नहीं किए जा सकते है।
क्या है प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991
यह एक्ट धार्मिक स्थलों की 15 अगस्त 1947 की स्थिति की रक्षा करता है और इसमें बदलाव करने पर रोक लगाता है। हालांकि, अयोध्या विवाद को इससे बाहर रखा गया। सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि विवाद से जुड़े फैसले का हवाला देते हुए कहा कि कई मुद्दे उठाए गए हैं, जिनकी विस्तार से जांच की जाएगी।