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छत्तीसगढ़ के मधेश्वर पहाड़ को मिला 'विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग' होने का गौरव, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने दिया दर्जा

Largest Natural Shivalinga: छत्तीसगढ़ के पर्यटन क्षेत्र को मिली नई पहचान, CM साय ने मधेश्वर पहाड़ी की ऐतिहासिक उपलब्धि पर दी बधाई।

Ravi Rohan
  • Dec 12 2024 6:39PM

छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले स्थित मधेश्वर पहाड़ी को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में एक ऐतिहासिक मान्यता प्राप्त हुई है। इस पहाड़ी को "दुनिया की सबसे बड़ी प्राकृतिक शिवलिंग प्रतिकृति" के रूप में दर्ज किया गया है। इस रिकॉर्ड को “लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग” के नाम से माना गया है। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ के पर्यटन क्षेत्र के लिए एक नई दिशा और पहचान लेकर आई है।

CM विष्णुदेव ने दी बधाई

इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर राज्य के मुख्यमंत्री, श्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को बधाई दी और इसे छत्तीसगढ़ के पर्यटन उद्योग में एक बड़ा कदम बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि हेमल शर्मा और अमित सोनी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और उन्हें इस रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र सौंपा। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, वन मंत्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े भी उपस्थित थे।

पर्यटन क्षेत्र में नया मोड़

मधेश्वर पहाड़ी की यह उपलब्धि जशपुर जिले के पर्यटन क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रही है। हाल ही में जशपुर जिले को प्रमुख पर्यटन वेबसाइट *EaseMyTrip* पर स्थान मिला है, जिससे पर्यटकों को यहां के प्राकृतिक स्थलों के बारे में और अधिक जानकारी मिलेगी। जशपुर छत्तीसगढ़ का पहला जिला है, जिसे इस वेबसाइट पर शामिल किया गया है, और इससे यहां के पर्यटन स्थलों को बढ़ावा मिलेगा।

धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व

मधेश्वर पहाड़ी जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक के मयाली गांव से लगभग 35 किमी दूर स्थित है। यह पहाड़ी अपनी विशिष्ट प्राकृतिक संरचना और शिवलिंग के आकार के लिए प्रसिद्ध है। स्थानीय लोग इसे भगवान शिव का स्वरूप मानते हैं और इसे दुनिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग मानकर पूजा करते हैं। यह स्थल धार्मिक महत्व के अलावा पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण बन चुका है।

साहसिक पर्यटन का बढ़ता हुआ आकर्षण

मधेश्वर पहाड़ी अब साहसिक खेलों और पर्वतारोहण के लिए भी लोकप्रिय हो रही है। यहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं और प्रकृति के बीच अपनी यात्रा का आनंद लेते हैं। जशपुर जिले में साहसिक खेलों और पर्यटन के विकास की अपार संभावनाएं हैं, जो न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएंगे, बल्कि छत्तीसगढ़ को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करेंगे।

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