अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आज 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं। यह शपथ ग्रहण समारोह वाशिंगटन डीसी स्थित कैपिटल भवन में आयोजित किया जाएगा, जहां दुनिया भर से कई प्रमुख नेता और dignitaries पहुंचे हैं।
भारतीय समयानुसार रात 10:30 बजे डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। इससे पहले, वह अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप के साथ वाशिंगटन के प्रसिद्ध सेंट जॉन्स एपिस्कोपल चर्च पहुंचे। वहीं, यूएस कैपिटल के बाहर लोग शपथ ग्रहण समारोह के लिए जमा होना शुरू हो गए हैं। ट्रंप इस मौके पर अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेंगे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर की भूमिका
इस शपथ ग्रहण समारोह में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर भी भाग ले रहे हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पत्र लेकर पहुंचे हैं। उनके समारोह में शामिल होने को भारतीय परंपरा के तहत देखा जा रहा है, जिसमें राष्ट्राध्यक्षों के शपथ ग्रहण समारोह में विशेष दूत भेजे जाते हैं।
पुतिन की आक्रामकता और ट्रंप का प्रभाव
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि ट्रंप रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की आक्रामकता को समाप्त करने में सक्षम हो सकते हैं।
बाइडेन द्वारा माफी का बड़ा कदम
शपथ ग्रहण से पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक बड़ा फैसला लिया। उन्होंने एंथनी फाउची, मार्क मिले और कैपिटल हिल पर हुए हमले की जांच कर रही कमेटी के सदस्यों को माफी दे दी। यह कदम ट्रंप के कार्यकाल की शुरुआत से पहले एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना के रूप में देखा जा रहा है।
वॉशिंगटन डीसी में कोल्ड इमरजेंसी
वॉशिंगटन डीसी में शपथ ग्रहण से पहले भारी सर्दी का सामना करना पड़ रहा है, जहां तापमान माइनस 12 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए कोल्ड इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने समर्थकों से अपील की है कि वे सड़कों पर जश्न मनाने के बजाय अपने घरों में रहें और सुरक्षित रहें।
ट्रंप का तेवर
शपथ ग्रहण से पहले, डोनाल्ड ट्रंप ने अपने समर्थकों से कहा कि वह जो बाइडेन द्वारा दिए गए सभी आदेशों को 24 घंटे के भीतर रद्द कर देंगे। यह बयान उनके दृढ़ नेतृत्व और राजनीति में बदलाव की ओर इशारा करता है।