उत्तर प्रदेश के आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज का भव्य स्मारक बनाने की योजना को हरी झंडी मिल गई है। महाराष्ट्र सरकार ने इस संबंध में शुक्रवार को एक शासनादेश (जीआर) जारी किया। इससे पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस परियोजना की घोषणा कर दी थी।
शिवाजी महाराज और आगरा का ऐतिहासिक संबंध
छत्रपति शिवाजी महाराज का आगरा से गहरा नाता रहा है। इतिहास के पन्नों में दर्ज है कि मुगल शासक औरंगजेब ने उन्हें आगरा में नजरबंद कर दिया था। हालांकि, 1666 में वे अपने बेटे के साथ चतुराई से वहां से भाग निकले थे। इसी ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए अब उसी जगह पर उनका स्मारक बनाने की तैयारी हो रही है।
औरंगजेब की कब्र पर विवाद के बीच आया फैसला
इस सरकारी आदेश की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब नागपुर में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस घटनाक्रम के बीच महाराष्ट्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से शिवाजी महाराज के स्मारक को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
भूमि अधिग्रहण और धन जुटाने की प्रक्रिया होगी शुरू
स्मारक निर्माण की प्रक्रिया को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने के लिए राज्य के पर्यटन मंत्री की अध्यक्षता में इतिहासकारों की एक विशेष समिति गठित की गई है। शासनादेश में यह स्पष्ट किया गया है कि पर्यटन विभाग को स्मारक के निर्माण, भूमि अधिग्रहण और आवश्यक वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस परियोजना के पूरे होने के बाद आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़ी ऐतिहासिक धरोहर को और अधिक सशक्त पहचान मिलेगी।