आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जी के आजादी वाले बयान पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। कांग्रेस नेता भूपेश बघेल और पवन खेड़ा ने कहा कि आरएसएस प्रमुख का बयान अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले लाखों भारतीयों के बलिदान का अपमान है।
नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस मीडिया और प्रचार (संचार विभाग) के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी द्वारा पार्टी के नए मुख्यालय इंदिरा भवन के उद्घाटन के दौरान दिए गए बयान को भाजपा-आरएसएस द्वारा तोड़-मरोड़कर पेश करने की भी कड़ी निंदा की।
पत्रकार वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान आया कि देश को आजादी राम मंदिर निर्माण के बाद मिली। यह दिखाता है कि आरएसएस-भाजपा संविधान को नहीं मानते हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने कहा है कि अगर ये बात किसी और देश में कही गई होती तो केस दर्ज कर मोहन भागवत को गिरफ्तार कर लिया जाता।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मोहन भागवत और उनके संगठन के लोग संविधान के बारे में समय-समय पर बयान देते रहे हैं। भाजपा के सांसदों ने भी कहा था वे संविधान बदल देंगे, जिससे स्पष्ट होता है कि वे संविधान को नहीं मानते हैं। बघेल ने कहा कि आरएसएस-भाजपा के पक्षपाती एजेंडे से पूरी दुनिया भली भांति परिचित हो चुकी है। अब राहुल गांधी के भाषण को भी भाजपा-आरएसएस के लोग तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 12 में राज्य का अर्थ उसके संस्थानों के रूप में परिभाषित किया गया है। न्याय, समानता और लोकतंत्र की रक्षा करने की जिम्मेदारी इन संस्थानों की है, उनपर आरएसएस-भाजपा ने कब्जा कर लिया है।
आज यह देख सकते हैं कि देश में निर्वाचन आयोग की क्या भूमिका रही है। भाजपा के लोग सत्ता में होने के बाद भी सदन नहीं चलने दे रहे। ईडी, आयकर विभाग और सीबीआई का दुरुपयोग हो रहा है। इसीलिए तो राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस की लड़ाई इन संगठनों से भी है। स्टेट का मतलब ही यही है, जो अनुच्छेद 12 में परिभाषित किया गया है। उससे स्पष्ट है कि इन संस्थानों में ही उनकी शक्तियां हैं और आरएसएस-भाजपा द्वारा इन शक्तियों को डरा-धमकाकर अपने अनुरूप फैसला करा रहे हैं। जिन संस्थाओं पर न्याय, समानता, लोकतंत्र की रक्षा करने की जिम्मेदारी है, भाजपा उन्हें अपने इशारों पर चला रही है। इसीलिए कांग्रेस की लड़ाई सिर्फ आरएसएस-भाजपा से नहीं, बल्कि जिन संस्थाओं पर भाजपा का कब्जा है, उनसे भी है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आरएसएस के लोग कांग्रेस को देशभक्ति का पाठ न पढ़ाएं। सभी जानते हैं कि आरएसएस को तिरंगा स्वीकार करने में 52 साल लग गए। आरएसएस का इतिहास सभी को पता है। जब लाखों भारतीय आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे, तब ये अंग्रेजों के साथ भागीदार बनकर काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार संस्थानों पर कब्ज़ा कर लगातार सामाजिक संरचना और आर्थिक नींव को कमजोर करने का काम कर रही है। राहुल गांधी का दृष्टिकोण लोकतांत्रिक, समावेशी और न्यायपूर्ण है। इन मूल सिद्धांतों को लेकर कांग्रेस आगे बढ़ रही है। इन सिद्धांतों के रास्ते में रोड़ा अटकाने वालों के खिलाफ राहुल गांधी और कांग्रेस कार्यकर्ता लड़ाई लड़ते रहेंगे।
वहीं पवन खेड़ा ने कहा कि पिछले 100 साल से आरएसएस ने देश और देश के आंदोलनों को कमजोर करने की कोशिश की है। भारत छोड़ो आंदोलन के समय श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अंग्रेजों को चिट्ठियां लिखकर भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को कमजोर करने का सुझाव दिया था। संविधान की स्थापना के बाद भी आरएसएस-भाजपा संविधान के प्रति साजिश रचते रहे हैं। इसी कड़ी में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हमें आजादी 1947 में नहीं मिली थी, अब जाकर मिली है। इससे पहले ऐसी टिप्पणी हिमाचल प्रदेश की मंडी से भाजपा सांसद भी कर चुकी हैं। ये इन लोगों के मन में संविधान के प्रति दुर्भावना है, जो बार-बार दिखाई देती रही है।