उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों का भव्य शुभारंभ 28 जनवरी 2025 को होने जा रहा है। इस ऐतिहासिक खेल महाकुंभ का उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा। यह आयोजन 14 फरवरी 2025 तक चलेगा और विभिन्न खेलों के मुकाबले देशभर के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के बीच होंगे। इन खेलों का आयोजन न केवल खेल जगत के लिए बल्कि राज्य की संस्कृति और खेल सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा।
इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह समेत कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहेंगे। इन सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का उद्देश्य खेलों को बढ़ावा देना और राज्य में खेलों के विकास के लिए जरूरी कदम उठाना है।
इस बार के राष्ट्रीय खेलों की थीम "संकल्प से शिखर तक" रखी गई है, जो खिलाड़ियों की मेहनत और समर्पण को दर्शाती है। इस आयोजन की शुरुआत देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में शाम 5 बजे मशाल जलाकर की जाएगी। यह आयोजन न केवल खेलों के प्रति लोगों की रुचि को बढ़ावा देगा, बल्कि युवाओं को भी प्रेरित करेगा कि वे अपनी प्रतिभा को खेलों के माध्यम से निखार सकें।
खेलों का आयोजन उत्तराखंड के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इससे राज्य में खेलों की संजीवनी मिलेगी। इससे राज्य में खेल सुविधाओं का सुधार होगा और राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड का नाम भी रोशन होगा। इस आयोजन के दौरान विभिन्न खेलों के मुकाबले होंगे जैसे कि एथलेटिक्स, हॉकी, फुटबॉल, बैडमिंटन, कुश्ती, और कई अन्य खेलों में प्रतिस्पर्धा होगी।
राष्ट्रीय खेलों की शुरुआत उत्तराखंड में होने से राज्य के खिलाड़ियों को एक बेहतरीन मंच मिलेगा, जहां वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते हैं। इसके अलावा, यह आयोजन राज्य की पर्यटन और संस्कृति को भी बढ़ावा देगा, क्योंकि हजारों दर्शक और खिलाड़ी राज्य में आएंगे।
राज्य सरकार का यह प्रयास है कि वह राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के माध्यम से उत्तराखंड को खेलों के क्षेत्र में एक प्रमुख राज्य के रूप में स्थापित कर सके। इस आयोजन से उत्तराखंड में खेलों के प्रति जागरूकता और उत्साह बढ़ेगा, जिससे राज्य के युवा खेलों में अपनी भागीदारी बढ़ा सकेंगे।
इस आयोजन से केवल खिलाड़ियों को ही नहीं, बल्कि राज्य की खेल संस्कृति को भी लाभ मिलेगा। यह आयोजन राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, जो खेलों के क्षेत्र में उत्तराखंड को एक नई पहचान देगा।