बांग्लादेश में एक बार फिर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा तेज हो गई है। चटगांव इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख चिन्मय कृष्णन दास की गिरफ्तारी के बाद स्थिति बिगड़ गई है। उनके खिलाफ गिरफ्तारी के बाद हिंदू समाज के लोग विरोध प्रदर्शन करने सड़कों पर उतर आए, जिनके खिलाफ बीएनपी और जमात कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया।
इस हमले में 50 से ज्यादा हिंदू घायल हो गए हैं। ढाका के शाहबाग इलाके में आयोजित शांतिपूर्ण सभा पर भी हमले की खबरें हैं, जिसमें चटगांव विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कुशाल बरन गंभीर रूप से घायल हुए हैं और कई अन्य लोग अस्पताल में भर्ती हैं।
इस्कॉन की रिहाई की अपील
चिन्मय कृष्णन दास की गिरफ्तारी के बाद इस्कॉन ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जारी की। इस पोस्ट में इस्कॉन ने बांग्लादेश सरकार से अपील की कि चिन्मय कृष्णन दास को तुरंत रिहा किया जाए। उन्होंने भारत सरकार से भी हस्तक्षेप की मांग की, ताकि बांग्लादेश सरकार से इस मामले में उचित कार्रवाई की जाए। इस्कॉन ने यह भी कहा कि वे एक शांतिपूर्ण भक्ति आंदोलन के सदस्य हैं और भगवान कृष्ण से इन भक्तों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं।
देशद्रोह का आरोप और गिरफ्तारी
गौरतलब है कि बांग्लादेश में 30 अक्टूबर को चिन्मय कृष्णन दास और 19 अन्य लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप है कि 25 अक्टूबर को चटगांव के लालदीघी मैदान में सनातन जागरण मंच द्वारा आयोजित रैली के दौरान कुछ लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज के सामने भगवा ध्वज फहराया था, जिस पर 'आमी सनातनी' लिखा हुआ था। इसे लेकर चिन्मय कृष्णन दास और अन्य पर राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का आरोप लगाया गया। इस मामले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमले बढ़े
चिन्मय कृष्णन दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को निशाना बनाने की घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही है। पिछले कुछ समय से हिंदू धार्मिक स्थलों और समुदाय पर हमलों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। खासकर, छात्र आंदोलन और शेख हसीना की सरकार के खिलाफ आंदोलन के दौरान हिंदू धर्मस्थलों को भी नुकसान पहुँचाया गया था। इसी तरह की घटनाओं के बाद चिन्मय कृष्णन दास ने बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों की सुरक्षा पर गहरी चिंता जताई थी।
हिंदू धार्मिक स्थलों पर हमला
बांग्लादेश के विभिन्न इलाकों में हिंदू धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया गया है। खासकर, खुलना और मेहरपुर में स्थित इस्कॉन मंदिरों पर हमले किए गए थे। इन घटनाओं के बाद हिंदू समुदाय के लोग सुरक्षा की मांग कर रहे हैं और चिन्मय कृष्णन दास ने भी इन हमलों की गंभीरता को देखते हुए मंदिरों की सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत जताई थी।