तमिलनाडु के कुन्नूर में 8 दिसंबर को हेलिकॉप्टर क्रैश में 13 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। इस हादसे में जनरल विपिन रावत उनकी पत्नी समेत 11 सेना शामिल थे जो हादसे के दौरान ही वीरगति को प्राप्त हो गए लेकिन हेलिकॉप्टर हादसे में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह एकलौते जीवित बच गए थे। वरुण सिंह सात दिन जिन्दगी और मौत की जंग लड़ते रहे और आखिरकार 15 दिसंबर को वे भी भगवान् को प्यारे हो गए। बता दें ग्रुप कैप्टन को आज पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। वही, भोपाल सीएम ने भावपूर्वक उन्हें श्रद्धांजलि दी।
आपको बता दें सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ तमिलनाडु में हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह भोपाल के बैरागढ़ विश्राम घाट पर राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके भाई तनुल और बेटे रिद रिमन ने उन्हें मुखाग्नि दी। इससे पहले फूलों से सजे ट्रक में उनकी पार्थिव देह को सेना के 3-ईएमई सेंटर के मिलिट्री हॉस्पिटल से बैरागढ़ में यथाशक्ति विश्राम घाट पहुंची। पूरे रास्ते में लोगों ने भारत माता की जय, वरुण सिंह अमर सिंह के नारे लगाए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी विश्राम घाट पहुंचकर बलिदानी कैप्टन को सैल्यूट किया।
गुरुवार दोपहर करीब ढाई बजे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की पार्थिव देह भोपाल पहुंची थी। यहां उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एयरपोर्ट पर ही ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को श्रद्धांजलि दी। जब उन्हें उनके घर ले जाया जा रहा था तो ट्रक के पीछे-पीछे शिवराज सिंह चौहान भी काफी देर तक पैदल ही चले। उनके साथ मंत्री विश्वास सारंग और हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा भी थे। इस अवसर पर कई सैन्य अफसर भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने अमर शहीद के परिवार को एक करोड़ रुपये की सम्मान निधि भेंट करने की घोषणा भी की थी। तमिलनाडु के कुन्नूर में 8 दिसंबर को CDS बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश में घायल वरुण सिंह का बुधवार को निधन हो गया था। वरुण 7 दिन से बेंगलुरु के अस्पताल में भर्ती थे।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि मैं भारत माता के सच्चे सपूत शौर्य के प्रतीक वीर योद्धा वरुण सिंह जी के चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। वे अद्भुत और अद्वितीय योद्धा थे। उन्होंने पहले भी मौत को मात दी थी। अब वे हमारे बीच नहीं हैं। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा। वह परिवार पूरे देश का, पूरे प्रदेश का परिवार है। हर भारतवासी उस परिवार के साथ खड़ा है। हमारे वीर योद्धा को न केवल सम्मान के साथ विदा किया जाएगा, बल्कि उनकी स्मृति बनाए रखने के लिए परिवार से चर्चा कर संस्था का नाम और प्रतिमा लगाने पर विचार-विमर्श करेंगे। उनकी जो भी भावनाएं होंगी, उनका ध्यान रखते हुए हम कदम उठाएंगे। अमर शहीद को एक करोड़ रुपये की सम्मान निधि भी परिजनों को भेट करेंगे।
पिता ने कही भावुक कर देने बात:-
सबसे भावुक बात तो ये थी कि जब कैप्टन वरुण सिंह के पिता का भरोसा टुटा। बता दें वरुण सिंह का जब बेंगलुरू में इलाज चल रहा था, तब उनके पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह ने कहा था कि वरुण एक फाइटर हैं। वह जीतकर ही बाहर आएंगे। पर, ऐसा नहीं हुआ। वरुण सिंह जिंदगी की जंग हार गए। वरुण के पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह एयरपोर्ट रोड स्थित सन सिटी कॉलोनी में रहते हैं। कर्नल केपी सिंह के दोस्त कर्नल महेंद्र त्यागी ने कहा कि वरुण बड़े पराक्रमी थे। सुबह वरुण के निधन की जानकारी मिली। हमें विश्वास नहीं हो रहा है कि वरुण अब हमारे बीच नहीं हैं।