Janmashtami 2024: श्रीकृष्ण जन्म में कुछ समय शेष... आज रात बन रहा वही शुभ योग जिसमें 5251 साल पहले प्रकट हुए थे भगवान
Janmashtami 2024: सोमवार या बुधवार को पड़ने वाली जन्माष्टमी किसी दुर्लभ संयोग की तरह होता है।
इस बार ठीक उसी तरह का योग बन रहा है जैसा भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय बना था। 5251 साल पहले मथुरा में कसं की कारागार में पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण प्रकट हुए थे। मान्यता के अनुसार इस शुभ योग में व्रत रखने और पूजा-पाठ करने से कई गुना अधिक फल मिलता हैं।
पंचांग अनुसार, इस बार अष्टमी तिथि सोमवार की सुबह 3 बजकर 40 मिनट से लेकर अगली रात 2 बजकर 20 मिनट तक है। जन्माष्टमी वाले दिन रोहिणी नक्षत्र दोपहर में 3 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर 27 अगस्त को सुबह दोपहर 3 बजकर 38 मिनट तक रहेगा।
इस बार जन्माष्टमी को चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे, ठीक ऐसा ही संयोग भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय भी बना था। इस काल में रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा का वृषभ राशि में होना अत्यंत शुभ फल देने वाला माना जाता है। इसके साथ ही यदि जन्माष्टमी सोमवार या बुधवार को पड़ रही है तो यह किसी दुर्लभ संयोग की तरह ही होता है। इन दोनों दिन जन्माष्टमी पड़ने से जयंती योग बनता है। बताया जाता है कि, बुधवार के दिन ही श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इसके 6 दिन बाद सोमवार को भगवान श्रीकृष्ण का नामकरण संस्कार हुआ था।
भगवान श्रीकृष्ण के प्रकट्य उत्सव पर उनके मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया गया है। मगर श्री राधा माधव की लीला स्थली ब्रज का दृश्य देख हर मन हर्षित हो जाता है। मथुरा में जन्मोत्सव की पूर्व संध्या से ही श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भगवान के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी रही। दुनियाभर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव सोमवार को मनाया जा रहा है। मगर शनिवार और रविवार को ही लाखों श्रद्धालुओं ने ब्रज में डेरा डाल लिया है।
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