राज्यसभा सांसद संजय सिंह 6 महीने बाद आज रात 8:15 बजे तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा हो गए. जेल से निकलकर उन्होंने कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया. संजय सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि, मैं कहना चाहता हूं कि AAP का जन्म आंदोलन की कोख से हुआ है.
उन्होंने कहा कि, हम किसी से नहीं डरते. हम तानाशाही से डरने वाले नहीं हैं. हमारे कार्यकर्ता संघर्ष के लिए तैयार हैं. केजरीवाल, सिसोदिया, सत्येंद्र जैन का क्या गुनाह है.
इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे नेता अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया को जेल के अंदर रखा गया है. ये संघर्ष का समय है. जेल के ताले टूटेंगे, हमारे सारे नेता छूटेंगे. ये जश्न मनाने का समय नहीं है. तिहाड़ से रिहा होने के बाद संजय सिंह अपने परिवार के साथ सीएम केजरीवाल के आवास पर सुनीता केजरीवाल से मुलाकात करने के लिए रवाना हो गए.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह को 2 अप्रैल को शराब घोटाला मामले में जमानत दे दी थी. प्रवर्तन निदेशालय ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हमें संजय सिंह की जमानत पर कोई आपत्ति नहीं है. बता दें कि AAP नेता को 5 शर्तों पर जमानत दी गई है.
बता दें कि संजय सिंह की रिहाई का आदेश मंगलवार को जारी हुआ था, लेकिन उस वक्त औपचारिकताएं पूरी नहीं की जा सकीं, क्योंकि संजय सिंह अस्पताल में भर्ती थे. संजय सिंह के जेल से बाहर आने से पहले ही तिहाड़ के बाहर आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं की भीड़ लगी हुई थी.
वहीं इस बीच पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की जमानत पर उनकी पत्नी अनीता सिंह ने प्रसन्नता जाहिर की है. एक निजी मीडिया संस्थान से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, आज बहुत ही खुशी का दिन है कि संजय सिंह जी जेल से बाहर आ रहे हैं लेकिन लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है. अनीता सिंह ने कहा कि हमारी लंबी लड़ाई अभी बाकी है.
अनीता सिंह ने आगे कहा कि संजय सिंह का बाहर आना जरूर बड़ी बात है लेकिन अभी ये खुशी अधूरी है. उन्होंने कहा कि अभी हमारे तीन भाई जेल के अंदर हैं. जब अरविंद केजरीवाल जी, सत्येंद्र जैन जी और मनीष सिसोदिया जी भी जेल से बाहर आ जाएंगे तब वास्तविक तौर पर खुशियां मनाने का दिन होगा. जब मैंने संजय सिंह जी से मिलकर बताया कि उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई है तो वो इस बात को सुनकर बहुत भावुक हो गए.
अनीता सिंह ने कहा कि बिना किसी कुसूर के उनको 6 महीने तक जेल में रखा गया. कोई भी शख्स इस पल भावुक हो सकता है. न्यायपालिका ने जो फैसला दिया है, उसका उन्होंने भी धन्यवाद किया. हम इतना ही कहना चाहते हैं- सत्यमेव जयते, हम लोग जीत गए हैं.