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'UPI ने जैसे पेमेंट सिस्टम को बदला, वैसे ही लोन के तंत्र को बदलेगा ULI...' आरबीआई गवर्नर का बड़ा दावा

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा ULI केंद्रीय बैंक की ओर से विकसित किए गए यूएलआई का उद्देश्य ऋणों के मूल्यांकन में लगने वाले समय को कम करना है।

Rashmi Singh
  • Aug 26 2024 2:22PM

भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI का यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस  जिसे केंद्रीय बैंक की ओर से आसानी से ऋण उपलब्ध कराने के लिए विकसित किया जा रहा है। इसे जल्द ही पूरे देश में लॉन्च किया जाना है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। आरबीआई गवर्नर ने कहा, "आरबीआई ने पिछले साल घर्षण रहित (अड़चनों से मुक्त) ऋण को सक्षम करने के लिए एक तकनीकी मंच शुरू किया था। केंद्रीय बैंक की ओर से यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस का नाम दिया गया है और  इसे नियत समय में लॉन्च किया जाएगा।"

बता दें कि, केंद्रीय बैंक की इस तकनीक का उद्देश्य ऋणों के मूल्यांकन में लगने वाले समय को कम करना है। साथ ही इसके इस्तेमाल से ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उधारकर्ताओं के लिए तकनीकी अड़चनों को दूर करना है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्या कहा ?

RBI के बेंगलुरु में ग्लोबल डीपीआई और इमर्जिंग टेक कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन के दौरान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, "यह प्लेटफ़ॉर्म कई डेटा सेवा प्रदाताओं से ऋणदाताओं तक विभिन्न राज्यों के भूमि रिकॉर्ड सहित डिजिटल जानकारी के निर्बाध और सहमति आधारित प्रवाह की सुविधा प्रदान करता है। इससे ऋण मूल्यांकन में लगने वाला समय कम हो जाता है, खासकर छोटे और ग्रामीण उधारकर्ताओं को इससे मदद मिल सकती है। यूएलआई सामान्य और मानकीकृत एपीआई हैं, जिन्हें विभिन्न स्रोतों से सूचना तक डिजिटल पहुंच सुनिश्चित करने के लिए 'प्लग एंड प्ले' दृष्टिकोण से डिजाइन किया गया है। इससे कई तकनीकी एकीकरण की जटिलता कम हो जाती है। यह उधारकर्ताओं को व्यापक दस्तावेज़ीकरण की आवश्यकता के बिना ऋण की निर्बाध डिलीवरी में सक्षम बनाता है।"

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आगे कहा, "पायलट प्रोजेक्ट से मिले अनुभव के आधार पर, यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ नियत समय में किया जाएगा।" शक्तिकांत दास  ने कहा, "जिस तरह यूपीआई ने भुगतान के पारिस्थितिकी तंत्र को बदलता है, हम उम्मीद करते हैं कि यूएलआई भारत में ऋण की पारिस्थितिकी तंत्र को बदलने में वहीं भूमिका निभाएगा।" आरबीआई गवर्नर ने कहा, "भारत का अनुभव अन्य केंद्रीय बैंकों के लिए एक प्रभावी डिजिटलीकरण रणनीति बनाने में मददगार है। डीपीआई ने भारत को एक दशक में वित्तीय समावेशन हासिल करने में सक्षम बनाया है, डीपीआई के नहीं होने से इसमें कई साल लग सकते थे।" ग्लोबल डीपीआई और इमर्जिंग टेक कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन भाषण के दौरान, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सीबीडीसी में भविष्य की भुगतान प्रणालियों, सीमा पार भुगतानों को मजबूत करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि वित्तीय सेवाओं में एआई का एकीकरण सभी हितधारकों के लिए अवसर लाएगा।

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