भगवान श्रीकृष्ण के प्रकट्य उत्सव पर उनके मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया गया है। मगर श्री राधा माधव की लीला स्थली ब्रज का दृश्य देख हर मन हर्षित हो जाता है। मथुरा में जन्मोत्सव की पूर्व संध्या से ही श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भगवान के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी रही। दुनियाभर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव सोमवार को मनाया जा रहा है। मगर शनिवार और रविवार को ही लाखों श्रद्धालुओं ने ब्रज में डेरा डाल लिया है।
जन्माष्टमी के अवसर पर मथुरा जन्मस्थान मंदिर में श्री राधा और श्री कृष्ण चंद्रवंश की 'सोम चंद्रिका पोशाक' धारण करने वाले हैं। यहां जानते हैं कि, इस पोशाक की क्या खासियत है और आज के दिन कैसे दिखेंगे भगवान।
आज का कार्यक्रम
सोम चंद्रिका पोशाक के साथ ही ठाकुरजी नवरत्न जड़ित स्वर्ण कंठा धारण किए नजर आएंगे। सोम चंद्रिका पोशाक को दिव्य माना जाता है और यह पोशाक 25 अगस्त रविवार को हुई शोभयात्रा में भगवान के समक्ष अर्पित की गई। इस शोभयात्रा में घंटे-घड़ियालों के साथ मृदंग और डमरू की ध्वनि गूँजती है।
जन्माष्टमी के मौके पर गर्भग्रह में विराजमान चतुर्भुज नारायण के श्रीविग्रह की पोशाक भी विशिष्ट होने वाली है। इस रेशमी पोशाक पर जरजोदी का काम, जरी और रत्न आदि जड़े होंगे। जन्माष्टमी पर ठाकुरजी को विशेष रूप से सजाया जा रहा है। इस दौरान श्रीकृष्ण और माँ राधा दिव्य मुकुट धारण किए भक्तों को दर्शन देंगे।
जन्माष्टमी के दिन 26 अगस्त की सुबह शहनाई और नगाड़ों से श्रीकृष्ण की मंगला आरती हुई। आरती सुबह साढ़े पांच बजे के हुई थी। सुबह 8 बजे भगवान का पंचामृत से अभिषेक किया गया। इसके बाद 9 बजे के करीब पुष्पांजलि और जन्माष्टमी का कार्यक्रम हुआ। श्रीकृष्ण जन्म महाभिषेक रात्री के समय 11:00 बजे श्री गणेश-नवग्रह पूजन के साथ आरंभ हो जाएगा।
शोभायात्रा के साथ पोशाक-श्रृंगार अर्पण
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान द्वारा कल यानी रविवार की संध्या शोभायात्रा के बीच ठाकुरजी को आज के पोशाक और शृंगार अर्पित किया गए। ढोल, नगाड़े, मृदंग, मजीरे, झांझ, डमरू की मधुर ध्वनि से मंगल परिधान पहने भक्त, देश के विभिन्न भाग से पधारे कलाकार शोभायात्रा में शामिल होकर अलौकिक सुख की अनुभूति कर रहे थे।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा और सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि, शोभायात्रा सर्वप्रथम श्रीकेशवदेवजी मंदिर पहुंची और भगवान श्रीकेशवदेव जी को पोशाक व शृंगार अर्पित किया। इसके बाद माता योगमाया का पूजन कर पोशाक व शृंगार अर्पण किया। अंत में सोम चंद्रिका पोशाक, रत्नजड़ित कंठा, सोने और चांदी के आभूषण, पूजा पात्र आदि भागवत भवन में विराजमान श्रीयुगल सरकार को अर्पित किए। रविवार को भगवान के 5251वें जन्मोत्सव पर 5251 दीपों का दीपदान भी किया गया।