रूस के परमाणु सुरक्षा प्रभारी रूसी जनरल की बम विस्फोट में मौत हो गई है। यह धमाका मॉस्को में हुआ है। दरअसल, लेफ्टिनेंट जनरल इगोर किरिलोव मंगलवार यानी 17 दिसंबर को एक रिहायशी ब्लॉक से निकल रहे थे। तभी एक स्कूटर में छिपा हुआ बम फट गया। रूसी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बम को रिमोट से संचालित किया जा रहा था और उसमें करीब 300 ग्राम विस्फोटक था।
इगोर किरिलोव को राष्ट्रपति पुतिन का बेहद करीबी माना जाता था। यह धमाका राष्ट्रपति भवन से महज सात किलोमीटर की दूरी पर हुआ है। यूक्रेन की सुरक्षा सेवा ने दावा किया है कि उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इगोर किरिलोव अपने अपार्टमेंट से बाहर निकल रहे थे। तभी पास में खड़ी एक स्कूटर में धमाका हुआ। इस घटना में इगोर किरिलोव के साथ-साथ उनके सहायक की भी मौत हो गई है।
आपको बता दें कि यह धमाका राष्ट्रपति भवन से महज सात किलोमीटर दूर हुआ है। बताया जा रहा है कि धमाके के लिए 300 ग्राम टीएनटी का इस्तेमाल किया गया। इस संबंध में आपराधिक हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। इस वर्ष अक्टूबर में ब्रिटेन ने इगोर पर यूक्रेन में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की निगरानी करने का आरोप लगाते हुए उन पर प्रतिबंध लगा दिया था।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस घटना के वीडियो में देखा जा सकता है कि इमारत का मलबा पड़ा हुआ है और मलबे के बीच खून से लथपथ दो शव पड़े हैं। पुलिस ने मौके की घेराबंदी कर दी है। कहा जा रहा है कि धमाका इतना शक्तिशाली था कि इमारत आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गई। किरिलोव की मौत के बाद रूसी संसद के डिप्टी स्पीकर ने कहा है कि इस घटना को काफी सोची समझी योजना के साथ अंजाम दिया गया है। उनकी हत्या का बदला लिया जाएगा।
सीएनएन को बताया कि किरिलोव एक युद्ध अपराधी था और यूक्रेन के निशाने पर था। उसने यूक्रेनी सेना पर प्रतिबंधित रसायनों के इस्तेमाल का आदेश दिया था। यह उस व्यक्ति का अंत है जिसने यूक्रेनियों की हत्या की थी। हालांकि, रूस ने इन आरोपों से इनकार किया है। मालूम हो कि इगोर को अप्रैल 2017 में परमाणु बलों का प्रमुख बनाया गया था। वह इससे पहले देश में विकिरण, रासायनिक और जैविक हथियार जैसे विभागों के प्रमुख रह चुके हैं।