भारतीय सेना ने कल यानी 25 फरवरी को 223 स्वचालित रासायनिक एजेंट डिटेक्शन और अलार्म (ACADA) सिस्टम की खरीद के लिए एम/एस एलएंडटी लिमिटेड के साथ एक समझौता किया। इस समझौते की कुल लागत ₹80.43 करोड़ है और यह खरीदारी 'बाय इंडियन' (IDDM) श्रेणी के तहत की गई है। इस कदम से भारत सरकार के 'आत्मनिर्भरता' अभियान को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि इस उपकरण के 80% से अधिक घटक और उप-सिस्टम स्थानीय रूप से उत्पादित किए जाएंगे।
ACADA सिस्टम का स्वदेशी विकास
ACADA सिस्टम को DRDO के रक्षा अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (DRDE), ग्वालियर द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। यह सिस्टम भारत के स्वदेशीकरण प्रयासों के तहत CBRN (रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु) क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होता है।
ACADA का कार्यप्रणाली और महत्व
ACADA प्रणाली का मुख्य कार्य रासायनिक युद्ध एजेंट (CWA) और औद्योगिक रासायनिक पदार्थ (TICs) का पता लगाना है। यह सिस्टम पर्यावरण से हवा का नमूना लेकर इन जहरीले तत्वों का लगातार और एक साथ मॉनिटरिंग करता है। यह आयन मोबिलिटी स्पेक्ट्रोमेट्री (IMS) सिद्धांत पर कार्य करता है और इसमें दो अत्यंत संवेदनशील IMS कोशिकाएं होती हैं, जो हानिकारक और विषैले पदार्थों का निरंतर पता लगाती हैं।
सेना की रक्षा क्षमता में वृद्धि
ACADA सिस्टम का फील्ड यूनिट्स में परिचालन भारतीय सेना की रक्षात्मक CBRN क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा। यह प्रणाली न केवल युद्धक अभियानों में उपयोगी होगी, बल्कि शांति काल में औद्योगिक दुर्घटनाओं से संबंधित आपदा राहत कार्यों में भी मददगार साबित होगी।