रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की बेंगलुरु स्थित रक्षा जैव-इंजीनियरिंग एवं इलेक्ट्रो मेडिकल प्रयोगशाला (DEBEL) ने 4 मार्च 2025 को हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस के लिए स्वदेशी एकीकृत जीवन समर्थन प्रणाली (ILSS) के उच्च-ऊंचाई परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न किए।
स्वदेशी ILSS प्रणाली की विशेषताएं
ILSS, ऑन-बोर्ड ऑक्सीजन जनरेटिंग सिस्टम (OBOGS) पर आधारित, पायलटों के लिए उड़ान के दौरान स्वच्छ और नियंत्रित ऑक्सीजन प्रदान करती है, जिससे पारंपरिक तरल ऑक्सीजन सिलेंडर पर निर्भरता समाप्त होती है। यह प्रणाली 50,000 फीट तक की ऊंचाई और उच्च-जी मानेवर्स में भी प्रभावी रूप से कार्य करती है।
उच्च-ऊंचाई परीक्षण और प्रदर्शन मूल्यांकन
तेजस प्रोटोटाइप वाहन-3 पर किए गए परीक्षणों में ऑक्सीजन सांद्रता, मांग श्वसन, 100% ऑक्सीजन उपलब्धता, और विभिन्न एरोबेटिक मानेवर्स की क्षमता का मूल्यांकन किया गया। केंद्रीय सैन्य विमान्यता एवं प्रमाणन संगठन (CEMILAC) से उड़ान मंजूरी के बाद, प्रणाली ने सभी मानकों को सफलतापूर्वक पूरा किया।
उत्पादन और भविष्य की संभावनाएं
एल एंड टी द्वारा उत्पादित, इस प्रणाली में 90% स्वदेशी सामग्री का उपयोग भारत की आत्मनिर्भरता को दर्शाता है। आवश्यक संशोधनों के साथ, ILSS को MiG-29K और अन्य विमानों में भी लागू किया जा सकता है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और DRDO अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने इस उपलब्धि पर DEBEL, ADA, HAL, CEMILAC, राष्ट्रीय उड़ान परीक्षण केंद्र, और भारतीय वायु सेना की सराहना की, इसे 'विकसित भारत 2047' की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।