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डिजिटल अरेस्ट करके ठगी करने वाले 2 नेपाली लखनऊ में अरेस्ट, निकला चीन का कनेक्शन

गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि हम लोग नेपाल के रहने वाले है तथा वर्तमान में फर्जी दस्तावेज के आधार पर अपना भारतीय पहचान पत्र (आधार कार्ड) भी बनवा लिए है।

Rajat Mishra
  • Oct 24 2024 10:55PM

इनपुट- ज्ञानेश लोहानी, लखनऊ

 
आज यूपी एस०टी०एफ० को फर्जी दस्तावेज के आधार पर भारत में निवास करने एवं भारतीय नागरिकों को डिजिटल अरेस्ट करके ठगी करने वाले गैंग के 2 नेपाली नागरिकों को जनपद लखनऊ से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई।
 
एस०टी०एफ०, उत्तर प्रदेश को विगत काफी समय से सोशल मीडिया के माध्यम से कॉल करके स्वयं को पुलिस / ई०डी०सी०बी०आई० आदि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बताकर लोगो को डरा-धमकाकर ठगी करने वाले संगठित गिरोहों के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ उ०प्र० की विभिन्न टीमों/ इकाईयों को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। जिसके क्रम में दीपक कुमार सिंह, पुलिस उपाधीक्षक, एस०टी०एफ०, उ०प्र० के निर्देशन में टीम गठित द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी तथा अभिसूचना तन्त्र को सक्रिय किया गया।
 
इस दौरान ज्ञात हुआ कि नेपाल देश के 2 नागरिक जो साइबर फ्रॉड का काम करते हैं आज लखनऊ में स्कैमिंग के पैसे ट्रान्सफर कराने के लिए बैंक एकाउंट की व्यवस्था करने के लिए तिकोनिया, आलमबाग दुबग्गा रोड पर किसी से मिलने के लिए आने वाले है। इस सूचना पर एसटीएफ टीम द्वारा सरोज हास्पिटल तिकोनिया,आलमबाग दुबग्गा रोड के सामने से दोनों व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया।
 
गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि हम लोग नेपाल के रहने वाले है तथा वर्तमान में फर्जी दस्तावेज के आधार पर अपना भारतीय पहचान पत्र (आधार कार्ड) भी बनवा लिए है। हम लोगों का एक गिरोह है जो साइबर फ्राड का काम करता हैं। बेन निवासी चाइना देश के साथ मिलकर हम लोग काम करते है। बेन इस समय नेपाल में रह रहा है। यह लोग पहले 'बेन' के साथ दुबई में काम करते थे बाद में वापस नेपाल आ गये। बेन ने साइबर क्राइम के काम के बारे में बताया तो लालच में आकर उसके साथ काम करने लगे। भारत में फर्जी दस्तावेज के आधार पर अपना 'आधार कार्ड' बनवा लिये। जिससे भारतीय सिम कार्ड व अलग-अलग बैंको में खाता खुलवाकर उसे खाते को 'बेन को दे दिये थे। 
 
बेन स्कैमिंग का पैसा उसी खाते में ट्रान्सफर करता था तथा इन लोगों को USDT के रूप में कमिशन भेजता था। इनके भारत मे रहने-खाने व घूमने का पूरा खर्च बेन ही देता है। अभियुक्तों द्वारा बताये गये बैंक खाते, वालेट आदि की जानकारी व गिरोह के अन्य सदस्यो की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। अभियुक्तों से बरामद इलेक्ट्रानिक उपकरणों का फारेसिंक परीक्षण कराया जायेगा।

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