चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने आज यानी गुरुवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन "TECHMA 2024" का वर्चुअल उद्घाटन किया। इस सम्मेलन का विषय "भारत @2047 के लिए रक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी प्रबंधन" है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने मसूरी के प्रौद्योगिकी प्रबंधन संस्थान में आयोजित किया है। इसका उद्देश्य 2047 तक भारत को आत्मनिर्भर बनाने के राष्ट्रीय लक्ष्य के साथ रक्षा प्रौद्योगिकियों को संरेखित करना है।
अपने संबोधन में, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने उद्योग, अनुसंधान एवं विकास संगठनों और सेवाओं से अपील की कि वे "आत्मनिर्भरता" प्राप्त करने के लिए एकता और सहयोग को अपनाएं और भारत को "सशक्त, सुरक्षित और विकसित" बनाने की दिशा में कार्य करें। उन्होंने कहा कि बदलते समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए मानसिकता में बदलाव की आवश्यकता है, और नए और अनूठे विचारों के साथ आने का आह्वान किया, जो सशस्त्र बलों और देश के लिए लाभकारी साबित हो सकें।
सम्मेलन की शुरुआत "भविष्य की प्रौद्योगिकियों का उपयोग और भारत @2047 के लिए स्वदेशी क्षमताओं को मजबूत करना" विषय पर एक गोलमेज चर्चा से हुई। उद्घाटन समारोह में रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव और DRDO के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। TECHMA 2024 के प्रमुख विषयों में भविष्य की रक्षा प्रौद्योगिकियां, 2047 के लिए रणनीतिक दृष्टि के साथ प्रौद्योगिकी प्रबंधन, रक्षा में परियोजना प्रबंधन उत्कृष्टता, और मूल्य इंजीनियरिंग एवं व्यावसायीकरण शामिल हैं।
TECHMA 2024 से प्राप्त अंतर्दृष्टियों से भारत के स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने, बहु-विषयक अनुसंधान क्षेत्रों की पहचान करने, परियोजना प्रबंधन प्रक्रियाओं में सुधार करने, और भविष्य की रक्षा प्रौद्योगिकियों के लिए समाधान विकसित करने में मदद मिलेगी, जिससे भारत 2047 तक वैश्विक नेता बन सके।