चेन्नई की एक अदालत में हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने सबको चौंका दिया। दरअसल, 10 साल पहले लापता हुई 22 साल की लड़की अचानक अदालत में आई और उसने उस शख्स के खिलाफ गवाही दी जिसने 12 साल की उम्र में उसका अपहरण किया था और उसके साथ बलात्कार किया था। उसकी गवाही के आधार पर कोर्ट ने 3 अप्रैल 2025 को आरोपी अब्बास अली को उम्रकैद की सजा सुनाई और राज्य सरकार को पीड़िता को 15 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।
क्या है मामला?
यह घटना साल 2015 की है, जब पीड़िता अपने परिवार के साथ चेन्नई में एक मकान की पहली मंजिल पर रहती थी। मकान मालिक का दामाद अब्बास अली, जिसकी उम्र उस समय 41 साल थी, तब वह बच्ची पर नज़र रखे हुए था। 7 फरवरी 2015 को उसने बच्ची को किडनैप कर 430 किलोमीटर दूर डिंडीगुल ले जाकर एक होटल में उसके साथ बलात्कार किया। फिर उसने बच्ची को वहीं छोड़ दिया और खुद वापस चेन्नई लौट आया।
आरोपी के डर से भटकती रही बेटी
बच्ची के माता-पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई और पुलिस ने दो दिन बाद उसे ढूंढ लिया। आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज हुआ, लेकिन अगले ही दिन बच्ची फिर से लापता हो गई। इसके बाद परिवार टूट गया और माता-पिता अलग हो गए। मां अपनी बेटी को लेकर दक्षिणी तमिलनाडु के एक सुदूर गांव में गुमनाम जीवन जीने लगी। बावजूद इसके, आरोपी अब्बास अली ने उनका पीछा करना नहीं छोड़ा और गवाही देने पर जान से मारने की धमकी दी।
स्कूल छोड़ने के बाद मजदूरी में लगी बेटी
बच्ची को मानसिक आघात के कारण कोई मनोवैज्ञानिक मदद नहीं मिली, जिससे उसने अपनी पढ़ाई छोड़ दी। मां और बेटी ने अपनी पहचान बदलकर गांव-गांव भटकते हुए मजदूरी करने का निर्णय लिया। इस दौरान एमकेबी नगर की ऑल-विमेन पुलिस टीम ने हार नहीं मानी और 2024 की शुरुआत में पीड़िता को खोज निकाला।
विशेष लोक अभियोजक एस. अनीता ने बताया कि पुलिस की लगातार कोशिशों के बाद पीड़िता को कोर्ट तक लाया गया। अदालत में उसने कांपती आवाज़ में अपनी आपबीती सुनाई। कैसे 12 साल की उम्र में उसके साथ दरिंदगी हुई, कैसे वह और उसकी मां सालों तक पहचान छुपाकर डर में जीते रहे। उसने बताया कि किस तरह उसने अपनी पढ़ाई, बचपन और सपनों को खो दिया। उसकी सच्चाई से भरी गवाही ने कोर्ट में मौजूद सभी लोगों को स्तब्ध कर दिया।
3 अप्रैल को अदालत ने आरोपी अब्बास अली को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही, पीड़िता के मानसिक, शारीरिक और आर्थिक नुकसान को देखते हुए राज्य सरकार को उसे 15 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया।