उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में मस्जिद पर बुलडोजर चलने की आहट ने इलाके में हलचल मचा दी है। सदर कोतवाली क्षेत्र की 'गरीब नवाज मस्जिद' को प्रशासन ने सीधा निशाने पर लेते हुए धारा 10 के तहत नोटिस थमा दिया है। मस्जिद के मुतवल्ली शाहिद मलिक को 1 मई 2025 तक दस्तावेज प्रस्तुत करने का वक्त दिया गया है- वरना, सीधा ध्वस्तीकरण का हथौड़ा चल सकता है।
मस्जिद के खिलाफ यह नोटिस ऐसे वक्त पर आया है जब वहां बीते 8 वर्षों से नियमित रूप से पांच वक्त की नमाज अदा की जा रही थी। लेकिन नोटिस जारी होते ही मानो जैसे क्षेत्र में सन्नाटा पसर गया हो। डर के माहौल में मस्जिद को बंद कर ताला जड़ दिया गया है, और नमाज भी ठप कर दी गई है।
सिटी मजिस्ट्रेट विजयवर्धन तोमर का कहना है कि यह नोटिस सिर्फ नक्शा पास न होने को लेकर जारी किया गया है। जिस इलाके में यह मस्जिद स्थित है, वहां मुस्लिम समुदाय की बड़ी आबादी रहती है। मगर प्रशासन की दबिश के बाद मस्जिद पर ताला लगाना पड़ा। लोगों की इबादत बंद हो गई, अल्लाह के घर का दरवाज़ा बंद हो गया। हालाँकि प्रशासन का कहना है कि उन्होंने केवल जवाब मांगा है, बंद करने का आदेश नहीं दिया- मगर क्या ऐसी दहशत में कोई नमाज पढ़ पाएगा?
मस्जिद के मुतवल्ली ने बताया कि वे दस्तावेज़ों की तैयारी कर रहे हैं और समय रहते जवाब दाखिल करेंगे। अब देखना यह होगा कि क्या ये जवाब बुलडोजर की आहट को रोक पाएगा या फिर गरीब नवाज मस्जिद भी उन धार्मिक स्थलों की कतार में शामिल हो जाएगी, जिन्हें कानून के नाम पर मिट्टी में मिला दिया गया।