दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को उच्चस्तरीय बैठक में मौजूदा स्थिति की समीक्षा की और ग्रैप-1 के नियमों को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया।
उन्होंने बताया कि 1 जनवरी से 12 अक्टूबर के बीच दिल्ली की हवा अधिकांश समय 'गुड कैटेगरी' में रही, लेकिन पिछले दो दिनों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'पुअर कैटेगरी' में चला गया है। इसलिए, सोमवार शाम से ग्रैप-1 के नियमों को लागू कर दिया गया है।
धूल प्रदूषण को रोकने के लिए 99 टीमें विभिन्न निर्माण स्थलों का निरीक्षण करेंगी। इसके अलावा, पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, एनसीआरटीसी और डीएमआरसी अपने निर्माण स्थलों पर एंटी स्मॉग गन स्थापित करेंगे। सभी संबंधित विभाग सड़क मरम्मत का काम तेजी से पूरा करेंगे। सीएम ने जनता से अपील की है कि वे कार पूलिंग करें, पटाखे न जलाएं और प्रदूषण के बारे में जानकारी ग्रीन दिल्ली एप पर दें।
दिल्ली सचिवालय में बैठक के बाद, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के साथ प्रेस वार्ता में सीएम आतिशी ने कहा कि एक्यूआई में वृद्धि के कारण ग्रैप-1 को लागू किया गया है। बैठक में कई विभागों के अधिकारी शामिल रहे, जहां ग्रैप-1 के कार्यान्वयन की समीक्षा की गई।
सीएम ने बताया कि दिल्ली में इस साल हवा की गुणवत्ता पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर रही है, लेकिन हाल ही में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। 13 अक्टूबर को AQI 224 और 14 अक्टूबर को 234 पर पहुंच गया, जो खराब श्रेणी में आता है।
उन्होंने निर्माण स्थलों पर धूल की रोकथाम के लिए विशेष टीमों का गठन किया है, जिसमें 33 टीमें डीपीसीसी, राजस्व विभाग और उद्योग विभाग से शामिल हैं। ये टीमें रोजाना प्राइवेट और सरकारी निर्माण स्थलों का निरीक्षण करेंगी और अपनी रिपोर्ट ग्रीन वॉर रूम, पर्यावरण मंत्री और सीएम कार्यालय को भेजेंगी।
इसके साथ ही, एमसीडी को कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन वेस्ट (सीएनडी वेस्ट) के निपटान के लिए निर्देश दिए गए हैं। सीएनडी वेस्ट भी हवा की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। एमसीडी इस काम के लिए दिन में 79 और रात में 75 टीमें तैनात करेगी, साथ ही ओपन बायोमास वेस्ट जलाने की रोकथाम के लिए 116 टीमें दिन और रात में तैनात रहेंगी।