भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में संगठनात्मक चुनावों की प्रक्रिया का आगाज़ हो चुका है, जो कि सदस्यता अभियान के अंतिम चरण के साथ जुड़ा है। पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने के. लक्ष्मण को राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है। उनके साथ नरेश बंसल, रेखा वर्मा और संबित पात्रा को सह चुनाव अधिकारियों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन नियुक्तियों के बाद, चुनाव तिथियों की घोषणा जल्द ही की जाएगी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव: प्रक्रिया की रूपरेखा
राज्यों में अध्यक्ष चुनाव के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। इस प्रक्रिया के तहत, भाजपा के सदस्यता अभियान के दो चरण सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं, और अब तीसरे चरण की शुरुआत बुधवार से हो रही है, जो 31 अक्टूबर तक चलेगा।
बूथ कमेटियों का गठन कब होगा?
सदस्यता अभियान समाप्त होने के बाद बूथ कमेटियों का गठन किया जाएगा। इसके बाद जिला अध्यक्षों और राज्य अध्यक्षों के चुनाव होंगे। भाजपा के संविधान के अनुसार, राज्य अध्यक्ष राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों का चुनाव करेंगे, जो अंततः राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन करेंगे। इस प्रक्रिया को पूरा होने में दो से तीन महीने का समय लग सकता है।
नए अध्यक्ष का चुनाव जनवरी में संभावित
अटकले हैं कि नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव जनवरी में हो सकता है। चुनाव वाले चार राज्यों जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में सदस्यता अभियान बाद में शुरू होगा, जिसके कारण यहां संगठनात्मक चुनाव भी देरी से होंगे। बाकी राज्यों में भाजपा ने 10 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा था, और पहले चरण में 25 सितंबर तक छह करोड़ सदस्य बनाकर सफलता प्राप्त की थी।
आंकड़े जल्द ही होंगे सार्वजनिक
दूसरे चरण में बने सदस्यों के आंकड़े अगले एक-दो दिन में सार्वजनिक होने की उम्मीद है। भाजपा इस बार चुनाव वाले राज्यों को मिलाकर 12-13 करोड़ सदस्यों का लक्ष्य रखती है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी... भाजपा ने नियुक्त किए नए प्रभारी
दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा अपनी रणनीति तैयार करने में जुट गई है। इस कड़ी में, पार्टी ने चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी की नियुक्तियों की घोषणा की है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने ओडिशा से लोकसभा सांसद बैजयंत जय पांडा को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रभारी बनाया है।
गाजियाबाद के सांसद अतुल गर्ग को सह चुनाव प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया है। बैजयंत जय पांडा पहले से ही कई वर्षों से भाजपा के दिल्ली प्रभारी की भूमिका निभा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 70 सीटों में से केवल 8 पर जीत मिली थी, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) ने 62 सीटें हासिल की थीं।
भाजपा ने दिल्ली में 1993 से 1998 के बीच केवल एक बार सरकार बनाई थी, जिसमें तीन मुख्यमंत्री बने। स्वर्गीय सुषमा स्वराज इस पद पर अंतिम मुख्यमंत्री रहीं। उसके बाद से भाजपा सत्ता से बाहर रही है, जबकि कांग्रेस 1998 से 2013 तक लगातार शासन में रही। 2013 में कांग्रेस की हार के बाद भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन दिल्ली में सरकार बनाने में असफल रही।
आम आदमी पार्टी ने उस चुनाव में 32 सीटें जीतकर दूसरी बड़ी पार्टी के रूप में अपनी पहचान बनाई, लेकिन उसके बाद आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन हुआ, जो केवल 49 दिन चला। इसके बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाया गया और 2015 में हुए विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने भारी बहुमत से जीत हासिल की, और तब से वह सत्ता में है।