राजधानी दिल्ली में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बीते सप्ताह में 480 नए मामलों के साथ डेंगू मरीजों का कुल आंकड़ा 4000 पार कर गया है।
इसके साथ ही मलेरिया के 23 और चिकनगुनिया के 24 नए मामलों की भी पुष्टि हुई है। अब तक मलेरिया के कुल 709 और चिकनगुनिया के 151 मरीज सामने आ चुके हैं।
नवंबर में बढ़ सकता है डेंगू का खतरा
चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यही स्थिति बनी रही तो नवंबर में भी डेंगू और अन्य मच्छरजनित बीमारियों का खतरा बना रहेगा। आमतौर पर तापमान में गिरावट के साथ इन बीमारियों में कमी आती है, लेकिन इस साल अक्टूबर में ही डेंगू के मामलों में पिछले चार सालों का रिकॉर्ड टूट चुका है। अकेले अक्टूबर में 2431 नए मामले सामने आए, जो पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है।
एमसीडी के इलाकों में सबसे ज्यादा मामले
दैनिक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते सप्ताह में पुष्टि हुए 480 डेंगू मरीजों में से 467 मरीज एमसीडी इलाके के हैं, जबकि एनडीएमसी क्षेत्र से 1 और दिल्ली कैंट से 12 मरीज सामने आए हैं। मलेरिया और चिकनगुनिया के भी अधिकांश मरीज एमसीडी इलाके से ही हैं।
नगर निगम ने इस साल 21 लाख से अधिक बार घरों में मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव और फॉगिंग करवाई है, साथ ही 3 करोड़ से अधिक बार घरों में जाकर मच्छरों की उत्पत्ति की जांच की है। 1.5 लाख से अधिक लोगों को कानूनी नोटिस जारी किए गए हैं, जबकि 52,250 लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा चुकी है।
तापमान का असर और डॉक्टरों की सलाह
मच्छरों की उत्पत्ति के लिए तापमान एक महत्वपूर्ण कारक है। विशेषज्ञों के अनुसार, डेंगू का मच्छर 15 से 31 डिग्री सेल्सियस के तापमान में पनपता है, जो कि फिलहाल 25-30 डिग्री के बीच है, इसलिए मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। महामारी विशेषज्ञ डॉ. पीके शर्मा का कहना है कि लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। वे सलाह देते हैं कि सभी लोग फुल आस्तीन के कपड़े पहनें और अपने घर व आस-पास साफ-सफाई बनाए रखें ताकि मच्छरों के काटने से बचा जा सके।