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Rama Ekadashi 2024: रमा एकादशी पर करें ये उपाय, भगवान विष्णु का बना रहेगा आशीर्वाद!

रमा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए विशेष प्रसाद चढ़ाया जाता है।

Rashmi Singh
  • Oct 25 2024 4:46PM

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत पवित्र माना जाता है। साल में 24 एकादशियां तिथियां होती हैं जो व्रत और भगवान विष्णु की पूजा के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। इन्हीं में से एक है रमा एकादशी। हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हुए उनके पसंदीदा भोजन का भोग लगाया जाता है।

पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 27 अक्टूबर, रविवार को सुबह 5.23 बजे शुरू होगी और 28 अक्टूबर, सोमवार को सुबह 7.50 बजे समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार रमा एकादशी व्रत किया जाएगा. सोमवार, 28 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

रमा एकादशीच पर करें ये उपाय  
अगर आप लंबे समय से आर्थिक समस्याओं से परेशान हैं और नौकरी नहीं मिल रही है तो रमा एकादशी की शाम को तुलसी के नीचे 11 घी के दीपक जलाएं और तुलसी चालीसा का पाठ करें और 7 बार परिक्रमा करें। ऐसा माना जाता है कि घर में देवी लक्ष्मी का वास होता है। धन संकट दूर हो जाता है।

रमा एकादशी का व्रत रखने वालों को इस दिन रात्रि जागरण करना चाहिए, देवी लक्ष्मी के सामने घी का दीपक जलाना चाहिए और उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए। कहा जाता है कि इससे देवी लक्ष्मी घर की ओर आकर्षित होती हैं और बरकत बढ़ती है।

रमा एकादशी के दिन तुलसी माता को सुहाग सामग्री अर्पित करनी चाहिए, इससे दांपत्य जीवन में अनंत सुख और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।

रमा एकादशी के दिन प्रसाद में तुलसी दल का प्रयोग अवश्य करें। ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति श्रीहरि को प्रसन्न कर लेता है उस पर देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। श्रीहरि को तुलसी अत्यंत प्रिय है, इसके बिना वे भोजन स्वीकार नहीं करते। भगवान विष्णु को तुलसी की माला भी अर्पित कर सकते हैं।

कार्तिक मास की रमा एकादशी के दिन पितरों के नाम पर वस्त्र, कामधेनु गाय की मूर्ति, जौ और काले तिल, अन्न और तुलसी का पौधा दान करना चाहिए। यह अत्यंत शुभ है। सारे बिगड़े काम बन जाते हैं। तनाव दूर हो जाता है।

जिन लोगों की शादी में बाधाएं आ रही हैं उन्हें रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को 5 सुपारी चढ़ानी चाहिए, फिर इसे विवाह योग्य व्यक्ति के कमरे की अलमारी में रख देना चाहिए। कहा जाता है कि इससे समस्या जल्दी दूर हो जाती है।

रमा एकादशी के दिन इन चीजों का लगाएं भोग
फल: फल जैसे केला, सेब, अंगूर, संतरा आदि भगवान विष्णु को बहुत प्रिय हैं।
दूध: दूध को भी भगवान विष्णु का प्रिय भोग माना जाता है। आप दूध से बनी मिठाइयां जैसे कि रसगुल्ले, पेड़ा आदि भी चढ़ा सकते हैं।
पनीर: पनीर से बने व्यंजन जैसे कि पनीर की सब्जी भगवान विष्णु को अर्पित कर सकते हैं।
खीर: खीर एक बहुत ही लोकप्रिय मिठाई है जिसे भगवान विष्णु को बहुत पसंद है।
मखाने: मखाने को भी भगवान विष्णु को बहुत पसंद है। आप मखाने की खीर या मखाने के लड्डू बनाकर चढ़ा सकते हैं।
कुट्टू के आटे से बने व्यंजन: कुट्टू के आटे से बने पूरी, पराठा आदि भी भगवान विष्णु को प्रिय हैं।
सब्जियां: आप हरी सब्जियों से बने व्यंजन भी भगवान विष्णु को चढ़ा सकते हैं।

इन बातों का रखें खास ध्यान
रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हुए केसर की खीर, बेसन के लड्डू, बेसन की पंजीरी, बेसन का हलवा, बेसन के पेड़े आदि का भोग भी लगाया जाता है। इसके साथ ही आप नारियल की बर्फी, नारियल की खीर, नारियल का हलवा भी भोग लगा सकते हैं। देवी लक्ष्मी को सफेद मिठाई पसंद है इसलिए आप रसगुल्ला और रसमलाई या बर्फी का भोग लगा सकते हैं। इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि भोग बनाते समय उसमें तुलसी के पत्ते अवश्य डालें। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होंगे और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करेंगे।

रमा एकादशी व्रत के नियम
रमा एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित एक पवित्र व्रत है। इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए विशेष प्रसाद चढ़ाया जाता है। आप भगवान विष्णु को उपरोक्त प्रसाद अर्पित कर सकते हैं। मान्यता है कि रमा एकादशी के दिन व्रत रखने वाले लोग फल खाते हैं। रमा एकादशी के दिन कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन वर्जित है जैसे अनाज, दालें आदि। रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद व्रत खोला जाता है। 


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