उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में आधार कार्ड में फर्जीवाड़ा करने वाले रैकेट का खुलासा हुआ है। इस फर्जीवाड़े का आरोप एक मस्जिद के पीछे रहने वाले वाज़िद पर लगा है। वाज़िद यह अवैध काम अपनी मूल दूकान की आड़ में करता था। काम में भी देरी और जल्दी के अलग-अलग रेट थे। पीड़ित का दावा है कि वाज़िद ने कई लोगों को अपने फर्जीवाड़े का शिकार बनाया है। घटना शनिवार (22 मार्च 2025) की है। एक हिन्दू शिकायतकर्ता की तहरीर पर पुलिस मामले की जाँच कर रही है।
घटना मुरादाबाद जिले के थानाक्षेत्र बिलारी का है। इस मामले में विजय कुमार नाम के युवक ने शनिवार को पुलिस में तहरीर दी है। विजय ने बताया कि घटना के दिन वो अपने आधार कार्ड में कुछ संसोधन करवाने वाज़िद के सेंटर पर गए थे। यह सेंटर बिलारी में एक मस्जिद के पास पड़ता है। वाज़िद ने आधार कार्ड को ठीक करने की एवज में 3 हजार रुपयों की डिमांड की। इन पैसों में से 2700 रुपए उसने फ़ौरन ले भी लिए।
पैसे ले कर वाज़िद ने विजय को अपनी दूसरी दुकान पर जाने की नसीहत देते हुए अपनेहेल्पर के साथ थोड़ी दूर पर भेज दिया। विजय ने यहाँ देखा कि पहले से ही दर्जनों लोग बैठे हुए थे। वो आधार कार्ड के साथ पैसों के लेन-देन की चर्चा कर रहे थे। पैसों का यह लेन-देन 2000 रुपयों से ले कर 500 रुपए के बीच था। विजय के आधार कार्ड की कॉपी ले कर उसे डस्टबिन में डाल दिया गया। मौके पर ही डिजिटल अंगूठा लगाने का सिस्टम देख कर विजय का माथा ठनका।
विजय को गड़बड़ी की आशंका हुई तो उन्होंने सवाल-जवाब शुरू कर दिया। सीधी बातों के बजाय विजय से वहाँ मौजूद लोगों ने बहस शुरू कर दी। कुछ ही देर में दोनों पक्षों में गर्मागर्म बहस शुरू हो गई। विजय ने पूरे घटनाक्रम को रिकॉर्ड करना शुरू किया तो दुकान में मौजूद लोगों ने उनसे झगड़ा शुरू कर दिया। आखिरकार पीड़ित ने कॉल कर के पुलिस बुलवाई। पुलिस से विजय ने वाज़िद की दुकान में गंभीर धांधलेबाजी की आशंका जताते हुए कार्रवाई की माँग की है।
इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। वायरल वीडियो में स्थानीय पुलिस को वाजिद के सेंटर पर कई लोगों के साथ देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यहाँ से कई दस्तावेज भी बरामद हुए हैं जिनकी जाँच की जा रही है। सोशल मीडिया पर चल रहे आरोपों के मुताबिक वाज़िद खान समाजवादी पार्टी का नेता है। वह पहले भी पकड़ा जा चुका था लेकिन बाद में छूट गया। इन दावों पर प्रशासन की तरफ से फिलाहल अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।