उत्तर प्रदेश के संभल में विवादित जामा मस्जिद सर्वे के दौरान 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा मामले में अब तक कई आरोपियों पर एक्शन लिया जा चुका है। हाल ही में, मस्जिद की इंतजामिया कमेटी के सदर जफर अली को गिरफ्तारी कर लिया गया। इसके बाद अब समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क को भी पुलिस द्वारा 41ए नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
जफर अली और सांसद बर्क का नाम मामला में दर्ज
बता दें कि, संभल कोतवाली में दर्ज हुए अपराध संख्या (335/24) में जफर अली, सांसद जियाउर्रहमान बर्क, और सुहेल इकबाल को हिंसा भड़काने के आरोप में नामजद किया गया है। पुलिस ने जफर अली को 23 मार्च 2025 (रविवार) को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जबकि अब समाजवादी पार्टी के सांसद बर्क को भी सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस भेजने की प्रक्रिया की जा रही है।
पुलिस द्वारा भेजे जा रहे नोटिस में सांसद से मामले की विवेचना में सहयोग करने के लिए कहा जाएगा। विशेष रूप से, ऐसे मामलों में जहां सात वर्ष से अधिक की सजा का प्रावधान हो, आरोपी को विवेचना में सहयोग देने पर जमानत की आवश्यकता नहीं होती। हालांकि, यदि पुलिस अदालत में चार्जशीट दाखिल करती है, तो फिर कोर्ट द्वारा कार्रवाई की जा सकती हैऔर ऐसे में जमानत लेने की आवश्यकता होगी।
इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने स्पष्ट किया कि सांसद का विवेचना में शामिल होना जरूरी है, क्योंकि उनके सार्वजनिक बयान और अदालत में दिए गए हलफनामे की भी जांच की जाएगी। इस मामले में जफर अली की गिरफ्तारी के बाद अब सांसद की गिरफ्तारी पर निर्णय विवेचक के विवेक पर निर्भर करेगा।
बताते चले कि, संपूर्ण मामले की जांच अभी चल रही है और पुलिस ने इस केस में प्रमुख आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का संकेत दिया है। अब यह देखना बाकी है कि सांसद जियाउर्रहमान बर्क को नोटिस मिलने के बाद वे किस प्रकार की प्रतिक्रिया देते हैं और इस मामले में आगे किस प्रकार की कार्रवाई होती है।