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मस्जिद के अंदर 'जय श्री राम' का नारा लगाना गुनाह नहीं- हाईकोर्ट

इससे 'किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंची

Sumant Kashyap
  • Oct 16 2024 10:03AM

कर्नाटक हाईकोर्ट ने मस्जिद के अंदर 'जय श्री राम' के नारे लगाने के आरोप में दो लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि इससे 'किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंची. यह आदेश पिछले महीने पारित किया गया था. दरअसल, 15 अक्टूबर को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मस्जिद में कथित तौर पर ' जय श्री राम ' का नारा लगाने के लिए IPC की धारा 295 A के तहत दो लोगों के खिलाफ मामला खारिज कर दिया.  

 जानकारी के लिए बता दें कि अदालत ने यह टिप्पणी इस बात पर गौर करने के बाद की कि मामले में शिकायतकर्ता ने स्वयं कहा था कि संबंधित क्षेत्र में हिंदू और मुस्लिम सद्भावना से रह रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि चूंकि आरोपित अपराधों का कोई भी तत्व सामने नहीं आया है, इसलिए याचिकाकर्ताओं के खिलाफ आगे की कार्यवाही की अनुमति देना कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा. शिकायत के अनुसार, दोनों ने पिछले साल सितंबर में एक रात स्थानीय मस्जिद में प्रवेश किया और “जय श्री राम” के नारे लगाए.

 इसके बाद स्थानीय पुलिस ने उन पर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया, जिसमें धारा 295 A (धार्मिक विश्वासों को ठेस पहुंचाना), 447 (आपराधिक अतिक्रमण) और 506 (आपराधिक धमकी) शामिल हैं. वहीं, इस मामले में आरोपियों ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज करने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उनके वकील ने तर्क दिया कि मस्जिद एक सार्वजनिक स्थान है और इसलिए आपराधिक अतिक्रमण का कोई मामला नहीं बनता.

  'बार एंड बेंच' के अनुसार, कोर्ट ने कहा, "शीर्ष अदालत ने कहा कि किसी भी तरह का अपराध IPC की धारा 295 A के तहत अपराध नहीं साबित किया जा सकेगा. जिन अपराधों का शांति भंग या सार्वजनिक व्यवस्था को खतरे में डालने से रिस्क नहीं होता, वे IPC की धारा 295 A के तहत अपराध नहीं होंगे. किसी भी कथित अपराध में पुख्ता सबूत या एलिमेंट न मिलना, इन याचिकाकर्ताओं के खिलाफ आगे की कार्यवाही की इजाजत देना कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा और नतीजतन न्याय की हत्या होगी."

 कोर्ट के इस टिप्पणी के बाद सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक श्री सुरेश चव्हाणके जी ने अपने एक्स पर लिखा है कि मस्जिद के अंदर ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने से धार्मिक भावनाएं आहत नहीं होतीं- कर्नाटक हाई. उन्होंने आगे लिखा है कि कोर्ट ने दो व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया. यह आदेश पिछले महीने पारित किया गया था और मंगलवार को वेबसाइट पर अपलोड हुआ. शिकायत के अनुसार, दक्षिण कन्नड़ जिले के दो व्यक्ति मस्जिद में घुसकर नारे लगाने लगे थे. उनके खिलाफ IPC की धारा 295A, 447, और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसे अब रद्द कर दिया गया है.

 मस्जिद के अंदर ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने से धार्मिक भावनाएं आहत नहीं होतीं- कर्नाटक हाई.

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