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#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रूस के कज़ान पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। वे रूस की अध्यक्षता में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए यहां आए हैं। प्रधानमंत्री के ब्रिक्स सदस्य देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी उम्मीद… pic.twitter.com/2OZdpxzyhX — ANI_HindiNews (@AHindinews) October 22, 2024
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रूस के कज़ान पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। वे रूस की अध्यक्षता में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए यहां आए हैं। प्रधानमंत्री के ब्रिक्स सदस्य देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी उम्मीद… pic.twitter.com/2OZdpxzyhX
बता दें कि, पीएम मोदी 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कजान पहुंच गए हैं। कज़ान पहुंचने पर हवाई अड्डे पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार दोपहर करीब 3.30 बजे पुतिन से मुलाकात कर सकते है। पुतिन के अलावा वह कई ब्रिक्स सदस्य देशों के प्रमुखों से भी मुलाकात करेंगे।
यात्रा के दौरान, पीएम मोदी के कजान में अपने समकक्षों और ब्रिक्स सदस्य देशों के अन्य आमंत्रित नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की उम्मीद है। पीएम के इस दौरे को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन विभिन्न देशों के प्रमुखों के लिए प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में काम करेगा।
ब्रिक्स सम्मेलन में क्या हो सकता है दो दिन में?
साल 2024 में मोदी की यह दूसरी रूस यात्रा है, इससे पहले वह जुलाई में 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए मॉस्को गए थे। इस बार भी वह इस सम्मेलन में शामिल होने वाले सभी राष्ट्राध्यक्षों और अन्य अतिथियों से मुलाकात करेंगे। आइए जानते हैं इस कॉन्फ्रेंस में क्या हो सकता है।
पीएम मोदी रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक कर सकते हैं। इसमें दोनों देशों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी।
चीन के विदेश मंत्रालय ने घोषणा की है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग रूस की अध्यक्षता में होने वाले शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। संभव है कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच मुलाकात भी हो सकती है। हालांकि, उनकी और मोदी की मुलाकात को लेकर कोई पुष्टि नहीं हुई है।
रूस में भारतीय राजदूत विनय कुमार ने जोर देकर कहा कि भारत ब्रिक्स का संस्थापक सदस्य है और समूह के ढांचे के भीतर आर्थिक सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है, जिसे उन्होंने एक बहुत ही मौलिक सिद्धांत बताया।
यूक्रेन के साथ युद्ध के बाद रूस में यह अपनी तरह का सबसे बड़ा शिखर सम्मेलन है। यह तब आया है जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यह दिखाना चाहते हैं कि ढाई साल के आक्रमण के दौरान मॉस्को को अलग-थलग करने के पश्चिमी प्रयास विफल रहे हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस धारणा को खारिज कर दिया है कि ब्रिक्स एक भूराजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभर सकता है, लेकिन यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के बीच मॉस्को द्वारा इस कार्यक्रम के माध्यम से अपने राजनयिक प्रभाव का लाभ उठाने के बारे में चिंता व्यक्त की है। चिंता व्यक्त की है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अप्रैल 2022 के बाद से रूस की अपनी पहली यात्रा कर रहे हैं। वह गुरुवार को पुतिन से मुलाकात करेंगे।
ब्रिक्स समूह अब विश्व की 45 प्रतिशत आबादी और क्रय शक्ति समानता पर इसकी अर्थव्यवस्था का 35 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करता है, भले ही चीन इसकी आधे से अधिक आर्थिक शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।
क्या होगा ब्रिक्स समिट का एजेंडा?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, जी-7 जैसे प्रभावशाली समूह की तुलना में ब्रिक्स का इतिहास भले ही बहुत पुराना न हो, लेकिन इस शिखर सम्मेलन में ऐसे बड़े फैसले लागू हो सकते हैं, जिनके भविष्य में बड़े प्रभाव हो सकते है। इनमें से एक है ब्रिक्स करेंसी। ब्रिक्स देश एक ऐसी रिजर्व करेंसी शुरु करना चाहते है, जो डॉलर के प्रभुत्व का मुकाबला कर सके। 22 से 24 अक्टूबर तक रूस के कजान शहर में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में सदस्य देश ऐसी गोल्ड बैक ब्रिक्स मुद्रा शुरू करने पर चर्चा को आगे बढ़ा सकते हैं।चीन के साथ अमेरिका के व्यापार युद्ध और चीन तथा रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच अगर ब्रिक्स देश इस नई मुद्रा पर सहमत होते हैं तो यह अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था को चुनौती देने के साथ-साथ इन सदस्य देशों की आर्थिक ताकत भी बढ़ा सकता है। वर्तमान में अमेरिकी डॉलर अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली पर हावी है। दुनिया भर में लगभग 90 प्रतिशत व्यापार अमेरिकी डॉलर में होता है। वहीं, अब तक 100 प्रतिशत तेल का कारोबार अमेरिकी डॉलर में ही होता था, लेकिन पिछले साल कथित तौर पर कुछ तेल का कारोबार गैर-अमेरिकी डॉलर में भी होने लगा है।
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