केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट के जरिए विपक्ष के हमले पर करारा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि दीपा कुमारी को सिर्फ जीतन राम मांझी की बहु के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। मांझी ने दीपा कुमारी के राजनीतिक योगदान और संघर्षों पर जोर दिया।
वहीं यह स्पष्ट किया कि, परिवारवाद के आरोप लगाने वालों को यह समझना चाहिए कि दीपा ने संतोष सुमन से शादी करने का निर्णय इस कारण लिया क्योंकि वह हमारे समाज की पहली महिला थीं, जिन्होंने सामाजिक चुनौतियों के बावजूद गरीब बच्चों के बीच शिक्षा की अलख जगाई।
मांझी ने स्पष्ट किया कि परिवारवाद के आरोप लगाने वालों को यह समझना चाहिए कि दीपा ने संतोष सुमन से शादी करने का निर्णय इस कारण लिया क्योंकि वह हमारे समाज की पहली महिला थीं, जिन्होंने सामाजिक चुनौतियों के बावजूद गरीब बच्चों के बीच शिक्षा की अलख जगाई।
मांझी ने यह भी बताया कि दीपा उनके मुख्यमंत्री बनने से पहले ही जिला परिषद की सदस्य के रूप में सक्रिय थीं, इससे पहले कि संतोष कुमार सुमन MLC या मंत्री बने। उन्होंने यह भी कहा कि जब भी विपक्ष ने किसी महिला को सामने रखकर NDA के नेताओं को निशाना बनाने की कोशिश की, दीपा ने उन्हें प्रभावी ढंग से जवाब दिया है।
अपने X पोस्ट में केन्द्रीय मंत्री ने लिखा कि,
दीपा कुमारी को आप सिर्फ़ जीतन राम मांझी की बहु बताकर हमारे ऊपर परिवारवाद का आरोप नहीं लगा सकतें। वैसे लोगों को मैं बता देना चाहता हूँ कि... दीपा से मैंने संतोष सुमन की शादी इसलिए कराई कि वह हमारे समाज की पहली लड़की रही जो तमाम समाजिक ताना- बाना के इतर हमारे गरीब बच्चों के बीच शिक्षा की अलख जगा रही थी। मेरे मुख्यमंत्री बनने से पहले दीपा जिला परिषद की सदस्य निर्वाचित हो चुकी थी और संतोष कुमार सुमन के MLC बनने या मंत्री बनने से पहले से दीपा कुमारी पुरी तरह से राजनीति में सक्रिय थी।
जब भी विपक्ष ने किसी महिला को आगे करके हमारे NDA गठबंधन के नेताओं को घेरने की कोशिश की दीपा ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया है। ऐसी है समाज में अलख जगाने वाली 'दीपा'। अब इसके बावजूद भी यदि कोई दीपा का नाम लेकर मेरे उपर परिवारवाद का आरोप लगा रहें है तो वह उनकी विकृत मानसिकता को दर्शाता है।